जन्मदिन विशेष: छोटी उम्र में पिता का साया खोया, कड़े संघर्ष के बाद ममता बनर्जी बनी 'बंगाल की दीदी'

Birthday of west bengal chief minister mamata banerjee know her life journey and political career
जन्मदिन विशेष: छोटी उम्र में पिता का साया खोया, कड़े संघर्ष के बाद ममता बनर्जी बनी 'बंगाल की दीदी'
जन्मदिन विशेष: छोटी उम्र में पिता का साया खोया, कड़े संघर्ष के बाद ममता बनर्जी बनी 'बंगाल की दीदी'
हाईलाइट
  • 1984 के आम चुनाव में बनर्जी भारत की सबसे कम उम्र की सांसद बनी
  • दूध बेचकर अपने भाई-बहन का पालन पोषण किया
  • साल 1993 में ममता बनर्जी ने खेल मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आज (रविवार) जन्मदिन है। ममता का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता के एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे। जिनकी मौत दवाई ना मिलने के कारण हुई थी। महज 17 साल की उम्र में ममता ने अपने पिता को खो दिया। परिवार की जिम्मेदारी भी अब ममता के कंधो पर ही थी। उन्होंने दूध बेचकर अपने भाई-बहन का पालन पोषण किया। ममता बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से लॉ में स्नातक और आर्ट्स में मास्टर ली है। एक गरीब में रहकर दूध बचने से लेकर बंगाल की सत्ता चलाने तक का सफर ममता ने कैसे तय किया।आइए जानते हैं ममता बनर्जी के जन्मदिन पर उनसे जुड़े कई किस्से...

कॉलेज के समय राजनीति में हुई सक्रिय
ममता बनर्जी 70 के दशक में कॉलेज में कांग्रेस पार्टी के जरिए राजनीति में सक्रिय हुई। काफी जल्द की कांग्रेस में उनका कद बढ़ गया और पार्टी ने उन्हें महिला कांग्रेस का महासचिव बना दिया। 1984 के आम चुनाव में बनर्जी भारत की सबसे कम उम्र की सांसद बनी। उन्होंने इस चुनाव में जादवपुर सीट से सोमनाथ चटर्जी को हराया था। 1996, 1999, 2004 और 2009 में ममता बनर्जी कोलकाता सीट से लोकसभा चुनाव जीती। 1991 में राव सरकार में बनर्जी मानव संसाधन विकास, युवा मामले, खेल व महिला और बाल विकास राज्यमंत्री पद पर रही। 

कांग्रेस छोड़ खुद की पार्टी बनाई
साल 1993 में ममता बनर्जी ने खेल मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 1996 में कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में माकपा की कठपुतली होने का गंभीर आरोप लगाया। वहीं 1997 में उन्होंने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी बना ली। साल 2011 में 34 सालों से लगातार शासन कर रही माकपा और वामपंथी दलों की सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया। वर्ष 1999 में वह एनडीए का हिस्सा बन गई और रेलमंत्री बनी। 2011 में ममता एनडीए से अलग हो गई। 

साधारण जीवन जीती है
ममता बनर्जी ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है। दूसरे सीएम की तुलना में वह साधारण जीवन जीती है। ममता बनर्जी आज भी कोलकाता में अपने पुश्तैनी मकान में रहती हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद वह साधारण चप्पल और सफेद साड़ी पहनी हुई नजर आती हैं। 
 

Created On :   4 Jan 2020 10:25 AM GMT

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