भाजपा-जेजेपी गठबंधन : फायदा देख दोनों ओर से हुई पहल

BJP-JJP alliance: Seeing the benefit, initiative from both sides
भाजपा-जेजेपी गठबंधन : फायदा देख दोनों ओर से हुई पहल
भाजपा-जेजेपी गठबंधन : फायदा देख दोनों ओर से हुई पहल

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर(आईएएनएस)। हरियाणा में साझा फायदा देखकर ही भाजपा और जेजेपी ने साथ आकर सरकार बनाने का फैसला किया। यही वजह रही कि दोनों ओर से दोस्ती की पहल हुई, जो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर शुक्रवार देर रात मुकाम पर पहुंची। जेजेपी और भाजपा के बीच गठबंधन कराने में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की अहम भूमिका रही।

दरअसल, दुष्यंत चौटाला जब 2014 में हिसार से सांसद बने थे, तब उन्हें कई बार संसद भवन के गलियारे में अनुराग ठाकुर के साथ देखा जाता रहा। युवा होने के कारण उनके बीच गहरी दोस्ती बताई जाती है। शुक्रवार को जब दोनों ओर से गठबंधन की पहल हुई तो देर शाम दुष्यंत को अपने साथ लेकर अनुराग ठाकुर ही अमित शाह के आवास पर पहुंचे थे। जहां हुई फाइनल मीटिंग के बाद दोनों ओर से गठबंधन की आधिकारिक घोषणा हुई।

भाजपा ने जेजेपी के साथ गठबंधन कर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भी अपनी जमीन मजबूत करनी चाही है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा को लगा कि 2014 में गैर जाट चेहरे मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाने के बाद शुरू हुई जाटों की नाराजगी कहीं दिल्ली चुनाव में भारी न पड़े, इसके लिए दुष्यंत चौटाला से दोस्ती को फायदमंद समझा गया। हरियाणा चुनाव में 10 सीटें जीतकर जाटों में दुष्यंत चौटाला ने अपनी पकड़ साबित कर दी है। दिल्ली की कई सीटों पर जाट वोट निर्णायक साबित होते हैं।

भाजपा को यह भी लगा कि इसी बहाने 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी पश्चिम के जाटों को साधने में मदद मिलेगी। 31 वर्षीय दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री पद ऑफर करने से भाजपा को लगता है कि इससे युवाओं में पार्टी को लेकर अच्छा संदेश जाएगा। भाजपा को यह भी लगा कि एक-एक निर्दलीय को जोड़कर सरकार चलाने में मुश्किल हो सकती है, जबकि पूरी एक पार्टी को साथ जोड़कर आसानी से और स्थिर सरकार चल सकती है।

जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को भी गठबंधन में फायदा नजर आया। पिछले साल दादा ओम प्रकाश चौटाला की इनेलो पार्टी से निष्कासित होने के बाद जेजेपी बनाने वाले दुष्यंत चौटाला को लगा कि पार्टी को और मजबूत करने के लिए सत्ता का साथ जरूरी है। सत्ता रहेगी तो पार्टी के पास संसाधन भी आएंगे।

सूत्र बताते हैं कि दुष्यंत को यह भी डर सताता रहा कि निकट भविष्य में भाजपा उसके दो-तिहाई विधायकों को तोड़ भी सकती है। दुष्यंत को यह भी लगा कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल में बंद उनके पिता अजय चौटाला को राहत मिल सकती है। दुष्यंत चौटाला को यह भी लगा कि सत्ता में रहने पर पार्टी का हरियाणा में वर्चस्व बढ़ेगा और कांग्रेस तथा इनेलो के नेता जुड़ने की कोशिश करेंगे।

 

Created On :   26 Oct 2019 4:00 PM GMT

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