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श्मशान में मटके के अंदर मिली बच्ची को भाजपा विधायक ने लिया गोद

हाईलाइट
- चार दिन तक श्मशान की जमीन के अंदर दबी रही थी मासूम
- राजेश मिश्रा ने कहा - शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभाएंगे
- विधायक की बेटी साक्षी ने उनसे जान का खतरा होने के लगाए थे आरोप
डिजिटल डेस्क, बरेली। बेटी के अंतरजातीय विवाह करने से सुर्खियों में आए उत्तर प्रदेश भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने मंगलवार को एक नवजात बच्ची को गोद लिया। यह बच्ची रविवार को श्मशान भूमि में खुदाई के दौरान जमीन के अंदर मटके में मिली थी। अज्ञात व्यक्ति ने बच्ची को मटके में बंद कर दफना दिया था। मासूम का नाम ‘सीता’ रखा गया है। बच्ची को गोद लेने के बाद राजेश मिश्रा ने कहा कि सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत वे इसका सारा खर्चा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि इसकी शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी निभाएंगे।
‘सीता’ अभी सिर्फ 8 दिन की है। वह चार दिन तक जमीन के अंदर दबी रही। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची के शरीर में मौजूद ब्राउन फैट ने उसे जिंदा रखा। चार दिन घड़े में पड़े रहने की वजह से उसकी बॉडी पर इंफेक्शन फैल गया है। ब्राउन फैट नष्ट होने से पेट और गालों पर झुर्रियां भी पड़ गई हैं।
मटके के अंदर रख श्मशान में कर दिया था दफन
गौरतलब है कि सीबीगंज के रहने वाले हितेश कुमार की दारोगा पत्नी ने प्री-मेच्योर बच्ची को जन्म दिया, जिसकी कुछ देर बाद मौत हो गई। हितेश अपनी मृत बच्ची को दफनाने के लिए श्मशान गए। यहां उन्होंने गड्ढा खुदवाना शुरू किया। इसी दौरान करीब तीन फीट खुदाई के बाद फावड़ा किसी चीज से टकराया। लोगों ने जब मिट्टी हटाकर देखा तो अंदर एक मटका मिला। मटके में एक बच्ची थी, जिसकी सांसें चल रही थीं। बच्ची को सावधानी से बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
राजेश मिश्रा की बेटी ने की लव मैरिज
ज्ञात हो कि राजेश मिश्रा उत्तर प्रदेश के बरेली के बिथरी चैनपुर सीट से विधायक हैं। उनकी बेटी साक्षी मिश्रा बीते 3 जुलाई को अजितेश नाम के शख्स से लव मैरिज कर ली थी। दोनों ने 10 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें साक्षी ने अपनी जान को खतरा बताया था। 11 जुलाई को साक्षी ने एक और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें उन्होंने अपने पिता राजेश मिश्रा, भाई विक्की भरतौल और पिता के करीबी राजीव राणा से जान का खतरा बताया था। इसे लेकर काफी हो-हल्ला हुआ था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।