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उन्नाव रेप केस: पूर्व बीजेपी विधायक सेंगर दोषी करार, सजा पर बहस बुधवार को
हाईलाइट
- कुलदीप सेंगर को उन्नाव रेप मामले के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया
- सेंगर को क्या सजा मिलेगी इसका ऐलान बुधवार को बहस के बाद किया जाएगा
- सेंगर ने 2017 में एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव रेप मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है। हालांकि सजा का ऐलान बुधवार को बहस के बाद किया जाएगा। जिला जज धर्मेश शर्मा ने मामले में सह-आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने शशि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने और न ही मामले में सीधे तौर पर भूमिका स्पष्ट होने के चलते उन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है।
कोर्ट ने बलात्कार के मामले में चार्जशीट दाखिल करने में सीबीआई की देरी पर आश्चर्य व्यक्त किया। कोर्ट ने कहा, सीबीआई ने चार्जशीट फाइल करने में एक साल लगा दिया, इससे जांच एजेंसी भी सवालों के घेरे में आती है। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने पीड़िता को बयान देने के लिए कई बार बुलाया जबकि सीबीआई के अधिकारियों को पीड़िता के पास बयान लेने के लिए जाना चाहिए था।
जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा 'मैंने उनके बयान को सत्य पाया कि उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। वह खतरे में थी, चिंतित थी। वह एक गांव की लड़की है, न कि एक महानगरीय शिक्षित क्षेत्र से ... सेंगर शक्तिशाली व्यक्ति थे। इसलिए उन्होंने (पीड़िता) अपना समय लिया।'
अदालत ने 9 अगस्त को सेंगर के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम से संबंधित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।
इस मामले में कुल 5 एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट ने अभी केवल एक मामले में फैसला सुनाया है। बाकी मामलों की सुनवाई भी इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला और पीड़िता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल है।
सेंगर ने 2017 में एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। 8 अप्रैल, 2018 को यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
जुलाई में सेंगर पर आरोप लगाने वाली महिला की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जबकि दुर्घटना में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई थी। पीड़िता के चाचा ने इस मामले में रायबरेली के गुरुबख्शगंज पुलिस स्टेशन में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
कुलदीप सेंगर ने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत नब्बे के दशक के अंत में की था, लेकिन 2002 में वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए और उन्नाव सदर सीट से अपना पहला चुनाव जीता। यह पहला मौका था जब बसपा ने यह सीट जीती। इसके बाद सेंगर समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए और 2007 में बांगरमऊ सीट जीती। 2012 में उनसे उन्नाव की भागवत नगर सीट से चुनाव लड़ने को कहा गया, जिस पर सेंगर ने जीत दर्ज की।
सेंगर की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेंगर ने लगातार तीन बार चुनाव जिले की तीन अलग-अलग सीटों से जीता। समाजवादी पार्टी के नेतृत्व से मुलायम सिंह के बाहर जाने के बाद सेंगर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया और बांगरमऊ सीट से 2017 का विधानसभा चुनाव जीता।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
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