पीएम मोदी को मिले नोबेल पुरस्कार, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष ने किया नॉमिनेट

BJP Tamil Nadu President Tamilisai Soundarajan nominated PM Modi for Noble Prize
पीएम मोदी को मिले नोबेल पुरस्कार, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष ने किया नॉमिनेट
पीएम मोदी को मिले नोबेल पुरस्कार, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष ने किया नॉमिनेट
हाईलाइट
  • तमिलनाडु बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. टी. सौंदराजन ने नामांकित किया।
  • पीएम जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत के लिए पीएम को मिले नोबेल।
  • शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए पीएम मोदी का नाम।

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए, ये कहना है तमिलनाडु बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष तमिलीसाई सौंदराजन का। उन्होंने कहा दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। सौंदराजन ने नोबेल पुरस्कार के लिए हो रहे नामांकन में पीएम मोदी को नॉमिनेट किया है।

 



राज्य बीजेपी प्रमुख के कार्यालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि, तमिलीसाई सौंदराजन के पति प्रोफेसर पी. सौंदराजन ने भी नोबेल के लिए पीएम मोदी को नामित किया है। उनके पति एक प्राइवेट विश्वविद्यालय में नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख हैं।


आयुष्मान भारत के लिए पीएम को मिले नोबेल

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत शुरु करने के लिए डॉ. तमिलीसाई सौंदराजन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार 2019 के लिए नामित किया है। इसमें यह भी कहा गया है, आयुष्मान भारत योजना करोड़ों गरीबों के जीवन को पूरी तरह से बदलकर रख देगी। इसमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, सांसदों सहित अन्य लोगों से भी पीएम मोदी को नामित करने को कहा गया है।


पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी

अगले साल 31 जनवरी तक किसी भी व्यक्ति को इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा सकता है। हर साल सितंबर महीने से इस पुरस्कार के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत रविवार को झारखंड की राजधानी रांची से की। इस योजना से 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों के 50 करोड़ लोगों को लाभ होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। योजना के लाभार्थी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में हर साल पांच लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे।

Created On :   25 Sept 2018 8:24 AM IST

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