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पार्टी स्लोगन की तरह BJP कर रही "जय श्री राम" का इस्तेमाल : ममता बनर्जी

हाईलाइट
- ममता बनर्जी ने की फेसबुक पोस्ट
- बीजेपी लोगों में घृणा फैला रही - ममता
- ममता ने कहा, नकारात्मकता की तरफ जा रहा बंगाल
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि बीजेपी "जय श्री राम" का इस्तेमाल पार्टी स्लोगन की तरह कर रही है। ममता ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'कथित बीजेपी के लोग घृणा भरी विचारधारा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग गलत खबर, फेक वीडियो के जरिए भ्रम फैलाने और सच्चाई दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
ममता ने लिखा, विद्यासागर और राम मोहन रॉय जैसे समाजसुधारकों ने बंगाल को प्रगति और आगे की सोच पर ले जाने का काम किया है, लेकिन बीजेपी की गलत रणनीति के कारण बंगाल नकारात्मकता की तरफ जा रहा है। मुझे किसी भी राजनीतिक नारे से परेशानी नहीं है।
सीएम ममता ने लिखा, सभी पार्टियों का अलग-अलग नारा होता है, जैसे मेरी पार्टी का वंदे मातरम और जय हिंद है। लेफ्ट पार्टियों का इंकलाब जिंदाबाद, इसके बाद भी हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं। इसी तरह जय राम जी की, जय श्री राम, राम नाम सत्य है, ये धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं हैं और हम इन भावनाओं का भी सम्मान करते हैं।
फेसबुक पोस्ट में ममता ने लिखा, हम जबरदस्ती आरएसएस के नाम पर इन राजनीतिक नारों का सम्मान नहीं कर सकते। बंगाल ने कभी संघ को स्वीकार नहीं किया। सभी पार्टियां भी ऐसा ही करने लगें तो राज्य का माहौल खराब हो जाएगा। मैं बीजेपी की इस रणनीति का हमेशा विरोध करूंगी। लोगों से अपील करती हूं कि ऐसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब दें, जो घृणा की राजनीति करते हैं। बता दें कि कुछ दिनों से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग जयश्री राम के नारे लगा रहे हैं, और ममता बनर्जी उन पर भड़कती दिखाई दे रही हैं।
BJP using 'Jai Sri Ram' as party slogan: Mamata
— ANI Digital (@ani_digital) 2 June 2019
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।