दिल्ली के स्कूलों को लगातार तीसरे दिन मिली धमकी: अब 20 स्कूलों को आया बम से उड़ाने का धमकी भरा ईमेल, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसिया

अब 20 स्कूलों को आया बम से उड़ाने का धमकी भरा ईमेल, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसिया
  • दिल्ली के स्कूलों को फिर मिली धमकी
  • 20 स्कूलों को मिली बम से उड़ाने का धमकी भरा ईमेल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियों का सिलसिला जारी है। इस बीच शुक्रवार को एक बार फिर से दिल्ली के 20 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला है। इनमें रोहिणी सेक्टर 3 स्थित अभिनव पब्लिक स्कूल, पश्चिम विहार के रिच मोंड स्कूल और रोहिणी सेक्टर 24 के सोवरन स्कूल जैसे प्रमुख स्कूल को बम से उड़ाने का धमकी दी गई है। इस बात की सूचना मिलते ही स्कूलों में फौरन दमकल विभाग और दिल्ली पुलिस की टीमें पहुंच गई। इसके बाद बम स्कॉड की टीम ने जांच शुरू कर दी।

दिल्ली के 20 स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी

गौरतलब है कि, इससे पहले बुधवार सुबह दक्षिणी दिल्ली के वसंत वैली स्कूल और द्वारका के सेंट थॉमस स्कूल को धमकी भरा ईमेल मिला था। बीते तीन दिनों के अंदर दिल्ली के 9 स्कूलों को 10 धमकी भरे ईमेल मिल चुके हैं। वहीं, इससे पहले 7 फरवरी को भी पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस-1 स्थित अल्कोन पब्लिक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। हालांकि, जांच के दौरान कुछ भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिलने मिली थी। इसके बाद अधिकारियों ने इस धमकी को अफवाह बताया था।

दरअसल, बीते कुछ दिनों से दिल्ली के स्कूल और कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही है। जिससे पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई है। दिग्गज अधिकारियों ने बताया कि धमकी भरे ईमेल ‘एन्क्रिप्टेड नेटवर्क’ (ऐसा तंत्र जिसमें कोई तीसरा सेंध नहीं लगा सकता) के जरिए भेजे गए हैं, जिससे उनके स्रोत का पता लगाना बेहद मुश्किल हो गया है।

धमकियों के पीछे अधिकारियों ने कही ये बात

स्कूलों में जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के साइबर विशेषज्ञों और दिग्गज अधिकारियों का कहना है कि धमकी भेजने वाले 'वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क' (वीपीएन) और ‘डार्क वेब’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। 'डार्क वेब' आमतौर पर गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजनों से दिखाई नहीं देता और सिर्फ विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए ही इस तक पहुंच संभव है, जबकि ‘वीपीएन’ के इस्तेमाल से ऑनलाइन गतिविधियां छिप जाती हैं।

वहीं, एक अधिकारी ने बताया, ‘‘डार्क वेब का पता लगाना, शीशों से भरे कमरे में परछाईं का पीछा करने जैसा है। जैसे ही आपको लगता है कि आपको कोई सुराग मिल गया है, वह गुमनामी की एक और परत के पीछे गायब हो जाता है।’’

Created On :   18 July 2025 10:36 AM IST

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