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कोर्ट ने ED को दी चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति, जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी संभव

हाईलाइट
- INX मीडिया मामले में कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति दे दी
- कोर्ट ने कहा ईडी जरूरत पड़ने पर चिदंबरम को गिरफ्तार भी कर सकती है
- सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को INX मीडिया मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। ईडी को बुधवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल में चिदंबरम से पूछताछ के लिए 30 मिनट का समय दिया गया है। अपना आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि ईडी चिदंबरम से पूछताछ कर सकती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।
A Delhi Court allows Enforcement Directorate (ED) to arrest Congress leader P Chidambaram with an option to interrogate him first. https://t.co/PAfVOVK81V
— ANI (@ANI) October 15, 2019
सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ED ने शुक्रवार को पी चिदंबरम के प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट का रुख किया था। जांच एजेंसी ने अपनी दलील में कहा था कि उसे मामले में चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। ईडी के कोर्ट जाने के बाद स्पेशल जज अजय कुमार कुहर ने आदेश दिया कि चिदंबरम को 14 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से पहले पेश किया जाए।
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस करते हुए कहा था कि विदेश में फर्जी कंपनियों और 17 बैंक खाते से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अदालत से यह भी कहा था कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि इस मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है।
चिदंबरम इस समय तिहाड़ जेल में हैं। उन्हें सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। 22 अगस्त को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में 5 सितंबर को उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। बाद में सीबीआई की मांग पर उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाकर 17 अक्टूबर तक कर दी गई।
पी चिदंबरम के वकीलों ने इस दौरान अदालत में एक अन्य आवेदन भी दिया था जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। चिदंबरम के इस आवेदन पर 12 सितंबर को सुनवाई हुई थी। हालांकि अदालत ने चिंदबरम के इस आवेदन को खारिज कर दिया।
इस दौरान ED की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने स्पेशल जज अजय कुमार कुहर से कहा था, 'हमने इस मामले के छह लोगों को तलब किया है। उनमें से तीन से पूछताछ की गई। हमें सभी छह व्यक्तियों से पूछताछ करना है ताकि हम आरोपी (चिदंबरम) का उनसे सामना करा सकें। वह (चिदंबरम) सबूतों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।' उन्होंने कहा 'उचित समय पर चिदंबरम को गिरफ्तार किया जाएगा।'
बता दें कि 2007 में जब UPA-1 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे उस वक्त उन्होंने मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की थी। उन्होंने अनियमितता बरतते हुए मीडिया समूह को FIPB क्लीयरेंस दे दिया। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले। इस मामले में CBI ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल ED ने भी इस मामले में मनी-लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी मामले में आरोपी हैं।
INX मीडिया कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं, जो अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के आरोप में जेल में बंद हैं।
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