CBI Vs Police : SC जाएगी CBI, राव बोले- पुलिस कमिश्नर के खिलाफ पुख्ता सबूत
- इस दौरान CBI अफसरों के साथ धक्का-मुक्की भी की गई। पुलिस CBI अफसरों को जबरन गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई।
- पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने कोलकाता पहुंची CBI की टीम को पुलिस ने रोक लिया।
- शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए CBI की टीम यहां पर पहुंची थी।
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। शारदा चिटफंड मामले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने रविवार को CBI की टीम कोलकाता पहुंची थी। जिसके बाद सीबीआई के पांच अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें रात में ही छोड़ दिया गया। अपने आप में देश का यह ऐसा पहला मामला है जब CBI की टीम को पुलिस ने इस तरह से रोका हो और उसके बाद हिरासत में ले लिया हो।
इस मामले के सामने आने के बाद CBI के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने कहा कि राजीव कुमार के खिलाफ CBI के पास सबूत है। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार सबूतों को नष्ट करने वाले थे। राव ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस चिट फंड घोटाले की जांच कर रहे हैं। इस मामले की जांच के लिए SC के निर्देशों पर पश्चिम बंगाल सरकार ने SIT का गठन किया था। इसका अध्यक्ष राजीव कुमार को बनाया गया था जो कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर है। उन्होंने कहा कि वे सभी दस्तावेजों को सौंपने में हमारा सहयोग नहीं कर रहे हैं और बहुत सारे सबूत नष्ट हो गए हैं या गायब हो गए हैं। राव ने कहा कि सीबीआई इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी क्योंकि पश्चिम बंगाल पुलिस सहयोग नहीं कर रही है।
बता दें कि CBI की टीम जब पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए कोलकाता पहुंची थी तब वहां पर पुलिस के दो डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे। कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने सीबीआई की टीम से कोर्ट का वारंट दिखाने को कहा। वारंट मौजूद न होने के बावजूद CBI की टीम कमिश्नर से पूछताछ करना चाहती थी। इसके बाद CBI की टीम शेक्सपीयर सारनी पहुंच गई। कोलकाता के कमिश्नर का घर इसी थाने के तहत पड़ता है। इसके बाद CBI अफसरों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए पुलिस उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई। इस घटना के बाद तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची और अधिकारियों के साथ बैठक की।
ममता बनर्जी संघीय ढाचे और संविधान को बचाने का हवाला देकर मेट्रो चैनल के सामने धरने पर बैठ गई। ममता बनर्जी का आरोप है कि पीएम मोदी और अमित शाह के इशारे पर CBI बिना वारंट कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पर पहुंची थी। कोलकाता स्थित CBI दफ्तर पर भी CRPF को तैनात किया गया है। वहीं कमिश्नर के घर को भी किले में तब्दील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इससे पहले CBI ने पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद कमिश्नर जांच में शामिल नहीं हुए।
इस मामले को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि CBI को अपना काम करना है या नहीं? जब सीबीआई ऐसा करती है, तो यह राजनीतिक प्रतिशोध होता है, जब वह ऐसा नहीं करता है, तो यह तोता है। उन्हें अपना मन बनाने दें।
बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा कि "हे भगवान, पश्चिम बंगाल का क्या होगा !!? राज्य सरकार की स्थानीय पुलिस, जिसका की कर्तव्य होता है, CBI जैसी सर्वोच्च संस्था की स्थानीय स्तर पर मदद करना, वही CBI को कार्यवाही करने से बंगाल में रोक रही है !!? यह संघीय ढांचे की अवहेलना/अपमान नही है !!?" उन्होंने कहा "कुछ तो बात है !? कही इन कमिश्नर साहब ने तो आपके एवं आपकी पार्टी द्वारा किये गए 40000 करोड़ के चिटफंड घोटाले की फ़ॉइलो को दबाने में मदद तो नही की है !? बिना कारण के CBI जैसी उच्चराष्ट्रीय संस्था की कार्यवाही के चलते इन साहब को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने की क्या जरूरत आन पड़ी !?
इससे पहले ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा था कि, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व राजनीतिक बदले की ओछी भावना से काम कर रहा है। न सिर्फ राजनीतिक दल उनके निशाने पर हैं बल्कि पुलिस को नियंत्रण में लेने और संस्थानों को बर्बाद करने के लिए वे सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। कोलकाता पुलिस कमिश्नर दुनिया में सबसे अच्छे अधिकारी में से एक हैं। उनकी ईमानदारी, बहादुरी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। वह 24x7 काम कर रहे हैं और हाल ही में वह केवल एक दिन के लिए छुट्टी पर थे। जब आप झूठ फैलाते हैं, तो झूठ हमेशा झूठ ही रहेगा।
The highest levels of the BJP leadership are doing the worst kind of political vendetta. Not only are political parties their targets, they are misusing power
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 3, 2019
to take control of the police and destroy all institutions. We condemn this 1/2
बता दें कि शारदा ग्रुप ने करीब 10 लाख लोगों को ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर करीब 2500 करोड़ रुपए जुटाए थे। इसके बाद 2013 में शारदा समूह के प्रोपराइटर सुदीप्त सेन ने लोगों के पैसे वापस किए बिना कंपनी का संचालन बंद कर दिया था। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने शारदा घोटाले के जांच के आदेश दिए थे। ईडी अब तक सारदा की छह संपत्तियों की कुर्की कर चुका है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये है. एक्टर से राजनीतिज्ञ बने तृणमूल कांग्रेस के सांसद मिथुन चक्रवर्ती ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर सारदा कंपनी से लिए गए 1.20 करोड़ रुपये पहले ही ईडी को सौंप चुके हैं
Created On :   3 Feb 2019 7:10 PM IST