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Indian Army: CDS रावत ने अरुणाचल में हवाई ठिकानों का दौरा किया, बोले- सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय जवान अपने निश्चय पर अटल

हाईलाइट
- जनरल रावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में एक वर्ष पूरा कर लिया
- भारत के पास चीन से निपटने के लिए सैन्य विकल्प : जनरल रावत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को एक साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अरुणाचल प्रदेश और असम में चीन सीमा से लगे सैन्य अड्डों का दौरा किया। फॉरवर्ड एयर बेस (आगे के हवाई ठिकानों) पर अपने दौरे के दौरान रावत ने सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और विशेष सीमा बल के सैनिकों के साथ बातचीत भी की।
सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार सेना : जनरल रावत
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वैली और लोहित सेक्टर में मोस्ट एयर मेंटेन्ड पोस्ट का भी दौरा किया। जनरल रावत ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में एक वर्ष पूरा कर लिया है। प्रभावी निगरानी बनाए रखने और परिचालन की तत्परता को बढ़ाने के लिए अपनाए गए अभिनव उपायों के लिए सैनिकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में केवल भारतीय सैनिक ही सतर्क रह सकते हैं और वे सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
भारत के पास चीन से निपटने के लिए सैन्य विकल्प तैयार : जनरल रावत
चीन के साथ मौजूदा गतिरोध पर, पिछले साल जनरल रावत ने दोहराया था कि यदि सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत के परिणाम नहीं आते हैं तो भारत के पास चीन से निपटने के लिए सैन्य विकल्प हैं। पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में चीनी पीएलए द्वारा किए गए बदलाव को लेकर भारत और चीन अप्रैल-मई से गतिरोध में लगे हुए हैं। एक जनवरी 2020 को जनरल रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था। 2019 के अंत में सरकार ने सीडीएस के पद के निर्माण को मंजूरी दे दी थी।
बता दें कि जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया था। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। उन्होंने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था।
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