अगले साल लॉन्च किया जाएगा चंद्रयान 3, चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन

Chandrayaan 3 to be launched next year, third satellite mission to Moon
अगले साल लॉन्च किया जाएगा चंद्रयान 3, चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन
नई दिल्ली अगले साल लॉन्च किया जाएगा चंद्रयान 3, चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन
हाईलाइट
  • इन-हाउस उपग्रह निर्माण क्षमताएं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 के बाद अब चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन, चंद्रयान 3 अगले साल लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा भारत के प्रमुख अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र है, जिसे भारत में गगनयान परियोजना कहते हैं। इसके तहत 2024 में अंतरिक्ष में भारत अपनी पहली चालक दल की उड़ान भेजने की योजना बना रहा है। अबू धाबी स्पेस डिबेट में भारत के केंद्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग आज दो चीजों - विश्वसनीयता और अर्थव्यवस्था के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। भारत को अपने प्रमुख अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान - पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल या पीएसएलवी के लिए दुनिया में अधिकतम सफलता अनुपात अर्जित होने पर गर्व है। कुछ सप्ताह पहले ही भारत के पीएसएलवी ने विकसित और विकासशील दोनों देशों के 36 उपग्रह लॉन्च किए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अब तक 100 से अधिक उपग्रह लॉन्च किए हैं। जीसैट, पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों और अंतरिक्ष आधारित सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के लिए व्यापक इन-हाउस उपग्रह निर्माण क्षमताएं हैं।

उन्होंने कहा कि भारत ने अपना जीपीएस भी विकसित कर लिया है, जिसे हम इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम या आईआरएनएसएस कहते हैं। 2013 में भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन के सफल लॉन्च के अलावा, भारत ने चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 के नाम से जाने जाने वाले अपने मिशन को चंद्रमा पर भेजने का दो बार प्रयास किया है। चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन, चंद्रयान-3 अगले साल लॉन्च किया जाएगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन समारोह में इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के साथ अपने विचार साझा किए

वह दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अबूधाबी स्पेस डिबेट में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उद्घाटन समारोह में यूएई के राष्?ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हजरेग के अलावा अनेक देशों के राजनयिक शामिल हुए।

सिंह ने कहा कि भारत के स्वदेशी रूप से विकसित अंतरिक्ष क्षेत्र और संयुक्त अरब अमीरात के तेजी से विकसित अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत अधिक सम्पूरकता है जिसका पूरा लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंतरिक्ष हमारी साझा मानवता की सेवा के लिए एक क्षेत्र बना रहे, तो अंतरिक्ष क्षेत्र के भविष्य के बारे में चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाना महत्वपूर्ण है और इस संबंध में, इस मंच में अंतरिक्ष क्षेत्र के भविष्य को आकार देने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि भारत विदेशी सरकार और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के प्रवेश की सुविधा के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स के विकास को भी बढ़ावा दे रहा है। इस संबंध में, भारत ने भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र या इन-स्पेस नामक एक समर्पित संगठन की स्थापना की है, जिसे अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारी नई निजी संस्थाओं को संभालने के उद्देश्य से कार्य सौंपा गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्मरण किया कि शेख मोहम्मद बिन जायद की कई अग्रणी पहलों में अबूधाबी स्पेस डिबेट भी शामिल है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता और ²ष्टिकोण को दशार्ती है। उन्होंने कहा कि यूएई के मंगल ग्रह की कक्षा में अंतरिक्ष मिशन भेजने के साथ इस ²ष्टिकोण का अधिकांश हिस्सा पहले ही एक वास्तविकता बन गया है, जिससे यूएई ऐसा छठा देश बन गया है जो अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है और यूएई भारत के अलावा, दूसरा ऐसा देश बन गया है, जिसने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

 

आईएएनएस

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Created On :   5 Dec 2022 4:00 PM GMT

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