छत्तीसगढ़ : पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान 1 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा

Chhattisgarh: 1 thousand crores scam exposed during previous BJP government
छत्तीसगढ़ : पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान 1 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा
छत्तीसगढ़ : पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान 1 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा
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रायपुर, 1 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए लगभग एक हजार करोड़ रुपये के घोटाले की आंच पार्टी पर आने लगी है। इस मुद्दे को लेकर जहां कांग्रेस हमलावर है, वहीं भाजपा को रक्षात्मक रुख अपनाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

यह मामला नि:शक्तजन स्त्रोत संस्थान से जुड़ा हुआ है और यह घोटाला रमन सिंह के शासन काल में हुआ है। इस संस्थान के हर जिले में कार्यालय और हर कार्यालय में 18-20 से ज्यादा कर्मचारियों की तैनाती कर लाखों रुपये का वेतन निकाला गया, जबकि कार्यालय कहीं हैं ही नहीं। यह खुलासा एक कर्मचारी की सूझबूझ और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के जरिए हुआ है।

इस घोटाले के खुलासे की कहानी भी रोचक है। रायपुर निवासी कुंदन सिंह समाज कल्याण विभाग के राज्य नि:शक्त जन स्त्रोत संस्थान (फिजिकल रेफरल रिहेब्लिटेशन सेंटर) में संविदा कर्मचारी थे। उन्होंने अपने आपको स्थायी करने के लिए समाज कल्याण विभाग को आवेदन दिया। तब उन्हें यह जानकारी दी गई कि वह समाज कल्याण विभाग के नहीं, बल्कि पीआरआरसी के स्थायी कर्मचारी हैं और उनका नियमित रूप से वहीं से वेतन जारी हो रहा है।

यह पता चलने पर कुंदन ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली। तब उन्हें पता चला कि रायपुर में मुख्यालय और सभी जिलों में जिला कार्यालय हैं, जिनमें 18 से 20 कर्मचारी तैनात हैं। बाद में यह खुलासा हुआ कि अधिकारियों ने सांठगांठ कर कर्मचारियों की नियुक्ति कर करोड़ों का घोटाला किया है।

कुंदन सिंह के अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने आईएएनएस को बताया है, उनकी ओर से दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट गए। बुधवार को न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की खंडपीठ ने सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज कर सभी दस्तावेजों को जब्त करने व स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में 12 अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें सात आईएएस हैं। पीठ ने सुनवाई के बाद 24 अक्टूबर, 2019 को फैसला सुरक्षित रखा था। यह घोटाला जिस समय हुआ, उस समय समाज कल्याण मंत्री रेणुका सिंह थीं, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं।

ज्ञात हो कि पीआरआरसी की स्थापना नि:शक्त लोगों के लिए उपकरण बनाने और उपलब्ध कराने के नाम पर की गई थी, मगर इस संस्थान ने फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन का भुगतान कर बड़ा घोटाला किया।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, 15 साल रमन सरकार का नारा रहा कि खाओ और खाने दो। जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए कहते थे कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। भ्रष्टाचार, घोटाले और कमीशनखोरी के रमन सिंह सरकार के 15 साल कभी नहीं भूलेगा छत्तीसगढ़। एनजीओ के माध्यम से प्रदेश के लाखों करोड़ रुपये सरकार ने बर्बाद कर दिए। अभी ऐसे कई मामले निकलेंगे।

वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता केदार गुप्ता का कहना है कि जिन अधिकारियों ने गड़बड़ी की है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे रमन सिंह सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।

-- आईएएनएस

Created On :   1 Feb 2020 3:30 PM GMT

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