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दैनिक भास्कर हिंदी: छत्तीसगढ़ : रायपुर के करीब चंदखुरी में है विश्व का इकलौता कौशल्या माता मंदिर

हाईलाइट
- छत्तीसगढ़ : रायपुर के करीब चंदखुरी में है विश्व का इकलौता कौशल्या माता मंदिर
रायपुर, 14 नवंबर (आईएएनएस)। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या दीपावली के अवसर पर जगमगा रही है। वहां त्रेता युग जैसा माहौल है। कुछ इसी तरह का माहौल छत्तीसगढ़ में राम वन गमन परिपथ में आने वाले चंदखुरी का है, जिसे भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली होने की मान्यता प्राप्त है। 126 तालाबों के लिए मशहूर रायपुर जिले के चंदखुरी गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर है जो दुनिया में भगवान राम की मां का इकलौता मंदिर है।
माता कौशल्या के जन्म स्थल के कारण ही इसे रामलला का ननिहाल कहा जाता है। यही कारण है कि दीपावली के अवसर पर चंदखुरी में भी उत्सव होता है। दिये जलाए जाते हैं और लोग राम की विजय और अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं। और मनाएं भी क्यों नहीं, राम का इस स्थान से अमिट नाता रहा है और कहा जाता है कि उनके बचपन का एक बड़ा हिस्सा यहां बीता है।
यही कारण है कि छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ को विकसित करने को लेकर काम कर रही है। छत्तीसगढ़ के कोरिया से लेकर सुकमा तक राम वन गमन पथ का कण कण राममय किया जाएगा। इसके तहत 51 स्थलों का चयन किया गया है, जिसके लिए लगभग 137.75 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉकडाउन के बीच पर्यटन में तेजी लाने और युवाओं को रोजगार दिलाने का प्रयास किया है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ में भगवान राम के वन गमन से जुड़े सभी स्थलों को भव्य रूप से सजाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा, पहले चरण में 8 स्थलों को विकसित किया जाएगा और उसके बाद अगले चरण में राम वनगमन पथ के 16 जिलों के शेष 43 स्थलों का प्लान तैयार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, व्यापक शोध के आधार पर इन स्थलों को राज्य सरकार ने अपनी सूची में शामिल किया है, जिसमें तीर्थ एवं पर्यटन स्थलों के प्रवेश द्वार से लेकर लैंप-पोस्ट और बेंच तक के सौंदर्यीकरण का विशेष ध्यान रखा गया है।
बघेल ने कहा कि श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को राम वन गमन पथ की यात्रा के दौरान पग-पग पर रामलला के दर्शन होंगे। परिपथ के मुख्य मार्ग सहित उप मार्गों की कुल लम्बाई लगभग 2260 किमी है। इसके किनारे लगाये जाने वाले संकेतकों पर तीर्थ स्थलों एवं भगवान श्री राम के वनवास से जुड़ी कथाओं की जानकारी होगी।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने कहा, भगवान रामलला के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य अब पौराणिक कथाओं के नगरों जैसा ही आकर्षक होगा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निकट स्थित इस गांव के प्राचीन कौशल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए, पूरे परिसर के सौंदर्यीकरण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। चंदखुरी, भगवान राम का ननिहाल है, यहां सातवीं सदी में निर्मित माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है। माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण तथा विकास के लिए 15 करोड़ 45 लाख रुपये की योजना तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि योजना के मुताबिक, चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण तथा परिसर विकास का कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 6.70 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में 8.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना के मुताबिक चंद्रखुरी को पर्यटन-तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाना है। इसलिए यहां स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा।
तय कार्यक्रम के अनुसार राम वन गमन पथ पर पहले चरण में जिन 8 स्थानों का चयन किया गया है, उन सभी में आकर्षक लैंडस्केप तैयार किया जाएगा। सभी स्थानों पर भव्य द्वार बनाए जाएंगे, जिनके शीर्ष पर भगवान राम का धनुष और उसकी प्रत्यंचा पर रखा हुआ तीर होगा। द्वार पर जय श्रीराम के घोष के साथ राम-पताका लहरा रही होगी। एक अन्य डिजाइन में लैंपपोस्ट के शीर्ष पर भी तीर-धनुष स्थापित किया जाएगा।
सीतामढ़ी हरचौका कोरिया जिले में है। भगवान श्री राम के वनवास काल का पहला पड़ाव यही माना जाता है। यह नदी के किनारे स्थित है, जहां गुफाओं में 17 कक्ष हैं। इसे सीता माता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है। जांजगीर चांपा जिले के शिवरीनारायण में रुककर भगवान श्री राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे।
जगदलपुर, बस्तर जिले का मुख्यालय है। चारों ओर वन से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि वनवास काल में भगवान श्री राम जगदलपुर क्षेत्र से गुजरे थे, क्योंकि यहां से चित्रकूट का रास्ता जाता है। पांडवों के वंशज काकतीय राजा ने जगदलपुर को अपनी अंतिम राजधानी बनाया था।
जेएनएस
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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