मुख्यमंत्री योगी गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में नजर आए

Chief Minister Yogi appeared in the role of Gorakshpithadishwar
मुख्यमंत्री योगी गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में नजर आए
मुख्यमंत्री योगी गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में नजर आए

गोरखपुर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में नजर आए। इस दौरान वह नाथ सम्प्रदाय की वेशभूषा को धारण किए हुए थे।

गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ बड़ी संख्या में वेद पाठी बालक त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक के रूप में उनके साथ सुरक्षा में चल रहे थे। सबसे पहले योगी आदित्यनाथ गुरु गोरक्षनाथ के समक्ष गर्भगृह में पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्त मंदिर परिसर में मौजूद रहे। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

इस दौरान बैंड बाजा के साथ, शंख, घण्टा और डमरू बाजाते हुए कलाकारों का रोमांचकारी दृश्य देखने योग्य था। मंदिर परिसर का पूरा दृश्य अध्यात्म और ऊर्जा से भरा हुआ नजर आया।

मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया, मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ अपने पारंपरिक उत्तरदायित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं। परंपरा के अनुसार गोरक्षपीठाधीश्वर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित किए जाते हैं।

उन्होंने बताया, नाथ संप्रदाय के सभी साधु-संत और पुजारी पहले पात्र देवता की पूजा करते हैं और दक्षिणा अर्पित करते हैं। करीब ढाई घंटे चलने वाली इस पात्र पूजा में पात्र देवता दक्षिणा स्वीकार तो करते हैं, लेकिन अगले ही दिन वह दक्षिणा साधुओं को प्रसाद स्वरूप लौटा दी जाती है।

उल्लेखनीय है कि आदित्यनाथ विजयदशमी(आज) के दिन गोरखनाथ मंदिर में न्यायिक दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे। विजयदशमी की देर रात होने वाली पात्र पूजा में नाथ पंथ के संतों के लिए अदालत लगेगी। इस पूजा में नाथ सम्प्रदाय के योगी, पुजारी और शिष्य शामिल होंगे।

अदालत में गोरक्षपीठाधीश्वर संतों की समस्याओं को निपटाएंगे। पारंपरिक पात्र पूजा नाथ पंथ में अनुशासन बनाए रखने के लिए की जाती है। सुनवाई के दौरान यदि कोई साधु-संत नाथ परंपरा के विरुद्घ किसी गतिविधि में शामिल होता है तो पात्र देवता उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लेते हैं।

Created On :   8 Oct 2019 3:30 PM IST

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