राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित

Citizenship Amendment Bill passed in Rajya Sabha
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित

नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में विधेयक को पेश किया, जिस पर करीब छह घंटे की बहस के बाद अमित शाह ने सदन में विधेयक से संबंधित जवाब दिए।

विपक्ष इस विधेयक का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है। इस विधेयक के खिलाफ असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है।

विधेयक को स्थायी समिति में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया। समिति के पास इसे नहीं भेजने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े। शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर देश का विभाजन न हुआ होता और धर्म के आधार पर न हुआ होता तो आज यह विधेयक लेकर आने की जरूरत नहीं पड़ती।

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, आज जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी। जिन्होंने जख्म दिए वही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे।

अमित शाह ने कहा, इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि मुसलमानों को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं। आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है। इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है। ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं।

शाह ने कहा, बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं। पिछली सरकारें समाधान लाईं होती तो ये बिल न लाना होता।

इस विधेयक को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ की गई, जिसके बाद वहां 24 घंटे के लिए 10 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

Created On :   11 Dec 2019 10:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story