एमपी में नहीं होगा SC-ST एक्ट का दुरुपयोग, बिना जांच के नहीं होगी गिरफ्तारी : शिवराज
- सीएम शिवराज बोले- SC-ST एक्ट का मध्यप्रदेश में दुरुपयोग नहीं होगा
- जांच के बाद ही गिरफ्तारी होगी।
- 6 सितंबर को इस एक्ट के विरोध में बुलाए गए सवर्णों के भारत बंद का असर भी सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में ही रहा था।
- SC-ST एक्ट को लेकर राज्य में बीजेपी नेताओं को हर जगह करना पड़ रहा है विरोध प्रदर्शन का सामना।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में SC-ST एक्ट के विरोध में हो रहे लगातार विरोध प्रदर्शन के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि SC-ST एक्ट का मध्यप्रदेश में दुरुपयोग नहीं होने देंगे। ऐसे मामले में जांच के बाद ही गिरफ्तारी होगी। सीएम ने यह बयान अपनी जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान बालाघाट में दिया। यहां वे पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, "ST-SC एक्ट का मध्यप्रदेश में बिल्कुल दुरुपयोग नहीं होगा, जांच पूरी होने के बाद ही ऐसे मामलों में गिरफ्तारी होगी। राज्य में सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, ST-SC सबके अधिकार सुरक्षित रहेंगे।" सीएम शिवराज के ट्वीटर हैंडल से भी यह इस मामले में ट्वीट किया गया है।
एमपी में नहीं होगा SC-ST ऐक्ट का दुरुपयोग, बिना जाँच के नहीं होगी गिरफ़्तारी।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 20, 2018
गौरतलब है कि SC-ST एक्ट को लेकर राज्य में बीजेपी नेताओं को हर जगह विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। 6 सितंबर को इस एक्ट के विरोध में बुलाए गए सवर्णों के भारत बंद का असर भी सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में ही रहा था। यहां कई जिलों में आगजनी और पत्थरबाजी हुई थी। अशोक नगर, गुना, भिंड और सतना में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस को हल्का बल भी प्रयोग करना पड़ा था। राज्य में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान रीवा और अशोकनगर जिले में रेल सेवा को भी बाधित किया गया था। भारत बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश के 11 से ज्यादा जिलों में धारा 144 लगाई गई थी। विभिन्न जिलों में स्कूल और पेट्रोल पंप भी बंद रहे थे।
सवर्णों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद भी आए दिन प्रदेश में बीजेपी नेताओं और मंत्रियों को काले झंडे दिखाए जा रहे हैं। सीएम शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा में भी लोग काले झंडे लेकर SC-ST एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों कई जनसभाओं और यात्राओं के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। माना जा रहा है कि सीएम शिवराज की यह टिप्पणी बीजेपी से नाराज चल रहे सवर्णों को गुस्सा शांत करने के मकसद से आई है।
बता दें कि SC/ST (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी) संशोधित बिल 2018 इस मानसून सत्र में संसद से पास हो चुका है। SC/ST एक्ट को अपने पुराने और मूल स्वरूप में फिर से लागू करने के लिए इस संशोधित बिल को कैबिनेट द्वारा मानसून सत्र में पेश किया गया था। दरअसल, इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के कुछ अहम प्रावधानों को यह कह कर निरस्त कर दिया था कि इनका दुरुपयोग हो रहा है। कोर्ट के इस फैसले के बाद केन्द्र सरकार पर दलित विरोधी होने के लगातार आरोप लग रहे थे। इसे देखते हुए कैबिनेट ने इस एक्ट को फिर से अपने पुराने स्वरूप में लाने और सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के लिए संशोधित बिल को सदन में पेश किया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस एक्ट के अहम प्रावधान को हटाने के इस फैसले के बाद दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था। इस दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं भी हुई थी। SC/ST एक्ट के समर्थन में बुलाए गए इस बंद को कई विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल था।
Created On :   20 Sept 2018 8:08 PM IST