स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य पूरा करने में कोल इंडिया, एनटीपीसी, रेलवे कर सकते हैं मदद : रिपोर्ट
- स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का हिस्सा
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत के तीन सबसे बड़े उद्यम- कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनटीपीसी और भारतीय रेलवे स्वच्छ ऊर्जा बाजार में हिस्सेदारी हासिल करते हुए देश को उसके जलवायु लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (आईआईएसडी) की एक नई रिपोर्ट मंगलवार को आई, जिसमें यह बात कही गई है।
कहा गया है कि भारत 2050 तक अनुमानित 22-28 प्रतिशत नकदी प्रवाह अंतर को कम करेगा, क्योंकि भारत नेट-शून्य की ओर बढ़ रहा है।
भारत सरकार के स्वामित्व वाले ऊर्जा उद्यम, 2020-2050 : साक्ष्य आधारित विविधीकरण रणनीतियों की पहचान विषय पर किए गए अध्ययन की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि ऊर्जा व्यवसाय अपनी भविष्य की अनिश्चितताओं की पहचान कैसे कर सकते हैं, साथ ही बदलती ऊर्जा व्यवस्था में अवसरों की पहचान भी कर सकते हैं।
आईआईएसडी के नीति सलाहकार और रिपोर्ट के सह-लेखक बालासुब्रमण्यम विश्वनाथन ने कहा, सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियां भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का हिस्सा हो सकती हैं।
हमारा साक्ष्य आधारित दृष्टिकोण मार्ग दिखाता है कि यह कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
अध्ययन में पाया गया है कि 2020 और 2050 के बीच नेट-जीरो-अलाइंड पाथवे के तहत सीआईएल और भारतीय रेलवे को नकदी प्रवाह में क्रमश: 415 अरब रुपये (28 प्रतिशत) और 2,112 अरब रुपये (22 प्रतिशत) की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जबकि एनटीपीसी का नकदी प्रवाह सामान्य कारोबार की तुलना में 404 अरब रुपये (22 प्रतिशत) कम हो सकता है।
रिपोर्ट के लेखकों का तर्क है कि अगले कुछ वर्षो में अपने व्यवसायों में विविधता लाने के लिए कुछ ठोस उपाय किए जाने से इन फर्मो और भारत में इसी तरह के अन्य सार्वजनिक उपक्रमों को भविष्य की अनिश्चितता को कम करने और राजस्व अंतराल से बचने की अनुमति मिल सकती है।
आईएएनएस
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Created On :   13 Sept 2022 1:30 PM IST