आज राज्यसभा में आएगा ट्रिपल तलाक बिल, बीजेपी-कांग्रेस ने सांसदों को जारी किया व्हिप
- इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने सासंदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इसे राज्यसभा में रखेंगे।
- लोकसभा में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक का बिल पास होने के बाद अब सोमवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) का बिल पास होने के बाद अब सोमवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इसे राज्यसभा में रखेंगे। इसे लेकर कांग्रेस, बीजेपी और तेलगु देशम पार्टी पार्टी ने अपने-अपने सासंदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। व्हिप जारी कर इन पार्टियों ने अपने सांसदों को पूरे समय संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा है। दरअसल, बीजेपी चाहती है कि लोकसभा में तीन तलाक का बिल पास होने के बाद अब राज्यसभा में भी ये पास हो जाए ताकि ये कानून की शक्ल ले सके। हालांकि बीजेपी के लिए ये इतना आसान नहीं रहेने वाला क्योंकि राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है। वहीं कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है।
Bharatiya Janata Party issues whip for its Rajya Sabha MPs to present in the House on 31st December. pic.twitter.com/W96FWYYes7
— ANI (@ANI) 30 December 2018
Congress issues a three-line whip to its Rajya Sabha Lok Sabha MPs to be present in the Parliament on 31st December. pic.twitter.com/mG1urBb8KS
— ANI (@ANI) 30 December 2018
तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने के लिए 27 दिसंबर (गुरुवार) को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया था जो पास हो गया। बिल के पक्ष में 245 वोट पड़े थे, जबकि 11 वोट इसके खिलाफ डाले गए थे। कांग्रेस और AIADMK ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था और सदन से वॉकआउट कर दिया था। कांग्रेस की मांग थी कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए।
इससे पहले दिसंबर 2017 में भी लोकसभा में ट्रिपल तलाक का बिल पास हो चुका था, लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद यह राज्यसभा में अटक गया था। विपक्ष चाहता था कि इस बिल में कुछ संशोधन हो। इसके बाद सरकार ने विपक्ष की बात मानते हुए कुछ संशोधन किए भी थे जिसमें जमानत के प्रावधान को भी शामिल किया गया था। बावजूद इसके राजयसभा में ये बिल पास नहीं हो सका था जिसके बाद सरकार को सितंबर में अध्यादेश लाना पड़ा था। अध्यादेश को बदलने के लिए 17 दिसंबर को लोकसभा में नया बिल लाया गया था। अध्यादेश में लाए गए संशोधनों को स्थायी कानून बनाने के लिए सरकार नए सिरे से इस बिल को लेकर आई है। प्रस्तावित कानून में ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध माना गया है। इस कानून के बनने के बाद ट्रिपल तलाक देना अवैध और शून्य हो जाएगा। इतना ही नहीं तलाक देने वाले पति को तीन साल की जेल भी होगी।
एक अध्यादेश 6 महीनों के लिए ही वैद्य होता है, लेकिन सरकार इससे पहले ही नया बिल लेकर आ गई है। अब सरकार के बाद 42 दिनों (छह हफ्ते) का वक्त है। अगर इस समय में ये बिल पास नहीं हो पाता है तो फिर सरकार के पास दोबारा इस अध्यादेश को लागू करने करने की छूट होगी।
नए बिल में सरकार ने जो बदलाव किए गए है उसमें FIR तभी दर्ज की जाएगी जब पत्नी या कोई नजदीकी रिश्देदार इसकी शिकायत करें। विपक्ष की आपत्ति के बाद बिल में ये भी संशोधन किया गया है कि पति और पत्नी के बीच उचित टर्म मैजिस्ट्रेट समझौता कर सकते हैं। इसके अलावा ट्रिपल तलाक गैर जमानती अपराध तो बना रहेगा, लेकिन मजिस्ट्रेट चाहे तो इसमें जमानत दे सकता है। हालांकि इससे पहले पत्नी की सुनवाई करनी होगी।
Created On :   30 Dec 2018 5:17 PM IST