राज्यसभा में कैग रिपोर्ट पेश, UPA की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ते में किया राफेल सौदा
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खारिज की कैग रिपोर्ट
- राफेल डील को लेकर कांग्रेसियों ने किया हंगामा
- राफेल डील को लेकर मोदी सरकार ने राज्यसभा में पेश की कैग रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा के चुनावी रण में राफेल डील बड़ा मुद्दा बन चुका है। राफेल डील को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रहा है। केन्द्र की मोदी सरकार ने आज (बुधवार) राज्यसभा में राफेल डील को लेकर कैग की रिपोर्ट प्रस्तुत की। CAG की रिपोर्ट से मोदी सरकार का वो दावा भी खारिज होता है, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने राफेल विमान 9 फीसदी सस्ते खरीदे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राफेल डील 2.86 फीसदी सस्ती है।
बता दें कि बुधवार को संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन था। ऐसे में सरकार विपक्ष को रिपोर्ट के जरिए जवाब देना चाहती थी। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैग रिपोर्ट आने से पहले ही उसे खारिज कर दिया है। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने कैग रिपोर्ट को पेश किया। राज्यसभा में पेश CAG रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने जो राफेल विमान की डील की है, वह सस्ती है। रिपोर्ट के अनुसार, राफेल डील 2.86 फीसदी सस्ती है। हालांकि, रिपोर्ट में विमान के दाम नहीं बताए गए हैं। रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के एमपी प्रदीप भट्टाचार्य का कहना है कि कैग की रिपोर्ट मोदी सरकार के दवाब में बनाई गई है।
CAG report on Capital Acquisitions in Indian Air Force has been tabled in Rajya Sabha, it also includes the details of Rafale deal. pic.twitter.com/h71uY1OOmY
— ANI (@ANI) February 13, 2019
रिपोर्ट में कहा गया कि 126 विमानों की पुरानी डील से तुलना करें तो 36 राफेल विमानों का नया सौदा कर भारत 17.08% पैसा बचाने में कामयाब रहा। UPA सरकार के वक्त की गई डील की तुलना में नया राफेल सौदा 2.86% सस्ता पड़ा। पुरानी डील के मुकाबले नई डील में 18 विमानों की डिलीवरी का समय बेहतर है। शुरुआती 18 विमान भारत को पांच महीने जल्दी मिल जाएंगे।
Delhi: Trinamool Congress MPs protest wearing black clothes against the Central government in the Parliament premises. pic.twitter.com/QVnh1uqR8x
— ANI (@ANI) February 13, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने इस डील में चोरी की है, जबकि बीजेपी और केंद्र सरकार इस डील को पाक साफ बताने में जुटी है। अब आज आ रही कैग रिपोर्ट पर सभी की नजरें हैं। जबकि बीजेपी और केंद्र सरकार इस डील को पाक साफ बताने में जुटी है।
बता दें कि राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने संसद परिसर में गांधी मूर्ति के पास राफेल मुद्दे पर प्रदर्शन किया। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच संसद में राफेल मुद्दे को लेकर अहम बैठक भी हुई।
सूत्रों के मुताबिक नई डील में 36 में से 18 राफेल विमानों की डिलिवरी भी पुराने ऑफर के तहत मिलने वाले 18 विमानों से धीमी रहेगी। ड्राफ्ट सौदे में फ्लायअवे विमानों की डिलिवरी का समय 37 से 60 महीने के बीच तय किया गया था। लेकिन फ्रांस ने बाद में डिलिवरी का वक्त 36 से 67 महीने तय कर दिया। जबकि यूपीए सरकार के समय फ्रांस सरकार ने 18 राफेल विमानों की डिलिवरी का समय 36 से 53 महीने के बीच तय किया था।
Created On :   13 Feb 2019 11:22 AM IST