- यूपी: पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारी, 28 जनवरी से गांव-गांव करेगी चौपाल
- यूपी: नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से होगी लागू, घर में रख सकेंगे शराब की 12 बोतल
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश के निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी
- जयपुर: किसानों के समर्थन में आज ट्रैक्टर रैली, शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि के बाद दिल्ली कूच
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस: पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग के योगदान की तारीफ की
MSP-APMC के बिना मुसीबत में बिहार का किसान, राहुल बोले- मोदी ने इसी कुएं में पूरे देश को धकेला
हाईलाइट
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर हमला
- MSP-APMC के बिना मुसीबत में बिहार का किसान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देशभर में केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएँ में धकेल दिया है। ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है।
देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमला वार हो रहे हैं। राहुल गांधी ने इस पहले कल भी 3 दिसंबर को भी एक ट्वीट करते हुए लिखा था, काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।
बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएँ में धकेल दिया है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2020
ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है। pic.twitter.com/Err20Pp0kv
उन्होंने 2 दिसंबर को दो अलग-अलग ट्वीट करते हुए लिखा था, मोदी सरकार, किसानों को जुमले देना बंद करें, बेईमानी-अत्याचार बंद करें, बातचीत का ढकोसला बंद करें, किसान-मज़दूर विरोधी तीनों काले क़ानून ख़त्म करें। दूसरे ट्वीट में लिखा, मोदी ने कहा- किसान की आय दुगनी होगी। किया- ‘मित्रों’ की आय हुई चौगुनी और किसान की होगी आधी। झूठ की, लूट की, सूट-बूट की सरकार।
बता दें नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरने का आज 10वां दिन है। किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की सरकार के साथ दो दौर की वार्ता का भी कोई नतीजा नहीं निकला है। पहली वार्ता 3 दिसंबर को हुई, दूसरे दौर की वार्ता 5 दिसंबर को हुई, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।