नीतीश को कांग्रेस का ऑफर, भाजपा का साथ छोड़े तो महागठबंधन में शामिल करने पर विचार 

Congress offered to nitish kumar for mahagathbandhan after NDA
नीतीश को कांग्रेस का ऑफर, भाजपा का साथ छोड़े तो महागठबंधन में शामिल करने पर विचार 
नीतीश को कांग्रेस का ऑफर, भाजपा का साथ छोड़े तो महागठबंधन में शामिल करने पर विचार 
हाईलाइट
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल करेंगे महागठबंधन का नेतृत्व
  • नीतीश कुमार को कांग्रेस ने दिया ऑफर
  • भाजपा का साथ छोड़े तो महागठबंधन में शामिल करने पर विचार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर महागठबंधन में वापस आने के लिए ऑफर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें महागठबंधन में वापस लेने के लिए सहयोगी दलों के साथ विचार किया जाएगा। बता दें कि कुछ महीने पहले ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में हुई सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देते हुए कहा था कि अब नीतीश के लिए महागठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं।

Image result for chief minister of bihar


लेकिन अब कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने रामविलास पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा का जिक्र करते हुए यह दावा किया है कि पिछड़ा वर्ग और अतिपिछड़ों को लेकर राजनीति करने वालों के पास भाजपा का साथ छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। गोहिल ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा के खिलाफ बनाए जाने वाले महागबंधन का नेतृत्व कांग्रेस के पास होगा और अगले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव जीता जाएगा। नीतीश किसी मजबूरी के चलते ही भाजपा की ओर चल गए है। उनका और मोदी का साथ बेमेल नजर आता है। 

Related image


ये है सीटों का समीकरण 
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्‍य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 पर चुनाव लड़ेगी और बाकी 15 सीटें बीजेपी के लिए छोड़ देगी। हालांकि जदयू ने इस आकलन में एनडीए के अन्‍य सहयोगियों रामविलास पासवान की लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को शामिल नहीं किया है। लोजपा के छह और रालोसपा के तीन लोकसभा सदस्‍य हैं। सीटों को लेकर उपजी खींचतान के कारण केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को खासा नाराज बताया जा रहा है।

Image result for bjp and nitish kumar


नीतीश को ये ऑफर तब दिया गया है जब भाजपा और जदयू के बीच भी बयानबाजी चल रही है। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. गोहिल ने कहा, बिहार में यह स्पष्ट संदेश है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पिछड़ों और अतिपिछड़ों के खिलाफ है. ऐसे में जिसको भी पिछड़ों और अतिपिछड़ों की राजनीति करनी है तो उसे राजग से अलग होना पड़ेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो राजग तो डूबेगा ही, साथ मे उनको भी डूबना पड़ेगा। 
 

Created On :   17 Jun 2018 9:16 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story