राफेल : कांग्रेस ने CAG महर्षि की भूमिका पर उठाए सवाल, जेटली ने किया खारिज
- कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे के लिए CAG राजीव महर्षि की भूमिका पर सवाल उठाया।
- राफेल सौदे का ऑडिट करना राजीव महर्षि के लिए अनुचित होगा।
- राफेल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे के लिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) राजीव महर्षि की भूमिका पर सवाल उठाया, जिसमें हितों के टकराव का आरोप लगाया गया। कांग्रेस ने तर्क दिया कि चूंकि महर्षि 2014-15 के बीच वित्त सचिव थे और राफेल वार्ता का एक हिस्सा थे, इसलिए राफेल सौदे का ऑडिट करना उनके लिए अनुचित होगा।
पार्टी ने महर्षि से अनुरोध किया है कि वह 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार की ऑडिट प्रक्रिया से खुद को अलग कर लें, क्योंकि विवादास्पद सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। उधर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
LIVE: Press briefing by former Union Minister, @KapilSibal on #RafaleScam.https://t.co/hsjG130woD
— Congress Live (@INCIndiaLive) February 10, 2019
बता दें, वित्त सचिव के रूप में सेवा देने के बाद राजीव महर्षि को अगस्त, 2015 में केंद्रीय गृह सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। पिछले साल सितंबर में महर्षि ने सीएजी के रूप में कार्यभार संभाला था। प्रेस को दिए एक बयान में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, कांग्रेस ने सीएजी के सामने पेश की गई दलीलों में बताया था कि राफेल करार में कहां-कहां अनियमितताएं हुई हैं और इसमें कैसे भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर वह वित्त सचिव के तौर पर लिए गए फैसलों की जांच नहीं कर सकते। वह पहले खुद को और फिर अपनी सरकार को बचाएंगे। इससे बड़ा हितों का टकराव तो कुछ हो ही नहीं सकता।"
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 36 विमानों की खरीद में "राष्ट्रीय हित" और "राष्ट्रीय सुरक्षा" से समझौता किया और कहा कि CAG का संवैधानिक और वैधानिक कर्तव्य है कि वह राफेल डील समेत सभी रक्षा अनुबंधों का फोरेंसिक ऑडिट करे।
सिब्बल ने कहा कि "अधिकारियों को ध्यान रखना चाहिए कि चुनाव आते जाते हैं, कभी हम विपक्ष में होते हैं और कभी सत्ता में होते हैं। हम ऐसे अधिकारियों पर नजर रखेंगे, जो ज्यादा उत्साही हैं और पीएम मोदी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।"
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा, "संस्थाओं को नष्ट करने वालों का अब झूठ के आधार पर CAG की संस्था पर एक और हमला। सरकार में 10 साल रहने के बाद भी यूपीए के पूर्व मंत्रियों को यह भी नहीं पता है कि फाइनेंस सेक्रटरी सिर्फ एक पद है जो वित्त मंत्रालय में वरिष्ठतम सेक्रटरी को दिया जाता है। सेक्रटरी (इकनॉमिक अफेयर्स) का रक्षा मंत्रालय की खर्च से जुड़ी फाइलों में कोई भूमिका नहीं होती। रक्षा मंत्रालय की फाइलों को सेक्रटरी (एक्सपेंडिचर) देखते हैं।"
After ten years in Government former UPA ministers still don’t know that Finance Secretary is only a designation given to the senior most secretary in the finance ministry.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 10, 2019
Created On :   11 Feb 2019 12:22 AM IST