8 करोड़ सिलिंडर बांटने से कम हुई लकड़ी और केरोसिन की खपत : जावड़ेकर
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। मोदी सरकार की उज्जवला योजना से गरीब परिवारों के घर सिलिंडर पहुंचने से पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि आठ करोड़ से ज्यादा घरों में गैस सिंलिंडर पहुंचने से गांवों में जहां लकड़ियों पर निर्भरता घटी है, वहीं शहरी इलाकों में केरोसीन की।
देश में वनों की स्थिति पर सोमवार को यहां रिपोर्ट पेश करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, जंगल के आसपास के गांवों के लोगों का अधिकांश जीवन जंगलों पर निर्भर रहता है। वहां से लोग घास, लकड़ी आदि लाते हैं। एक अच्छा ट्रेंड देखने को मिला है कि उज्जवला योजना में आठ करोड़ कनेक्शन बंटने के बाद जंगल से लकड़ियों की खपत में गिरावट हुई है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से उज्जवला योजना शुरू की थी। इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को सरकार की ओर से एलपीजी कनेक्शन मिलता है। अब तक आठ करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन बांटे जा चुके हैं।
योजना का मकसद है कि गैस की सुविधा देकर गरीब परिवारों की महिलाओं को लकड़ी और केरोसीन से खाना पकाने पर निकलने वाले धुएं से मुक्ति मिले। सरकार ने डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट का भी हवाला देते हुए कहा था कि लकड़ी, कोयला आदि पर खाना बनाने से एक घंटे में जितना धुआं निकलता है, वह चार सौ सिगरेट पीने के बराबर होता है। ऐसे में उज्जवला योजना सेहत और पर्यावरण दोनों की सुरक्षा से जुड़ी है।
देश के 25 फीसदी हिस्से पर जंगल
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि देश में कुल भौगोलिक एरिया का 24.56 प्रतिशत यानी करीब 25 प्रतिशत हिस्से पर वन क्षेत्र हो गया है। उन्होंने पिछले दो वर्षो में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में वन क्षेत्र बढ़ने पर कहा कि वहां पर हार्टीकल्चर पर काफी जोर दिया जा रहा। महाराष्ट्र में आम, बेर और अनार के हर साल एक करोड़ पेड़ लगते हैं। राज्य में अब तक 18 करोड़ से अधिक ऐसे पेड़ लगाए जा चुके हैं। महाराष्ट्र से अन्य राज्यों को भी सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों के कारण बांस और टिम्बर का क्षेत्र बढ़ा है। कम पानी वाले राजस्थान जैसे राज्य में भी वन क्षेत्र बढ़ा है।
-- आईएएनएस
Created On :   30 Dec 2019 8:30 PM IST