In Conversation With Rahul Gandhi: राहुल से चर्चा में बोले अभिजीत बनर्जी- आर्थिक मदद और कर्ज माफ करे सरकार

In Conversation With Rahul Gandhi: राहुल से चर्चा में बोले अभिजीत बनर्जी- आर्थिक मदद और कर्ज माफ करे सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से खास बातचीत की। इस दौरान दोनों के बीच कोरोना संकट और देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा की। इस दौरान बनर्जी ने कहा कि लोगों के हाथ में पैसे पहुंचाने की जरूरत है। इस वक्त कर्ज को माफ करना चाहिए और जनता की मदद करनी चाहिए। गौरतलब है कि कोरोना और अर्थव्यवस्था पर राहुल अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट से चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 30 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन से बातचीत कर यह सीरीज शुरू की थी। 

क्या नोबेल मिलना चौंकाने वाला था
राहुल गांधी ने अभिजीत बनर्जी से पूछा कि क्या जब आपने नोबेल पुरस्कार जीता तो वह चौंकाने वाला था? जिसपर उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं सोचा था। बनर्जी ने कहा, "यूपीए सरकार ने काफी अच्छी नीतियां लागू की थी। अब सरकार लागू नहीं कर रही हैं। इस सरकार ने भी उसे सही ठहराया और उसपर काम किया। आज के समय में इस तरह की सुविधा काफी सही साबित हो सकती थी।"

क्या नकदी की दिक्कत होगी
राहुल ने कहा कि आज नकदी की दिक्कत होगी, बैंकों के सामने कई तरह की चुनौतियां होगी और नौकरी बचा पाना मुश्किल होगा? जिसके जवाब में अभिजीत बनर्जी ने कहा, ये सच होने वाला है। देश में आर्थिक पैकेज की दरकरार है। अमेरिका-जापान जैसे देशों ने ऐसा किया है, लेकिन हमारे यहां नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण व्यापार ठप है। इसलिए आर्थिक मदद की जरूरत है। 

लोगों के पास खाना नहीं है
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज देश में राशन कार्ड कम है और लोगों के पास खाना नहीं है। जिसपर बनर्जी ने कहा कि हमने पहले भी इसपर सलाह दी है। सरकार को राशन कार्ड जारी करने चाहिए, जो कम से कम तीन महीने काम करें। हर किसी को मुफ्त में राशन मिल सके। राहुल गांधीने कहा, जितनी जल्द लॉकडाउन से बाहर आ जाए उतना अच्छा, लेकिन उसके बाद भी एक योजना होनी चाहिए। वरना सारा पैसा बेकार है। जिसपर अभिजीत ने कहा, हमें महामारी के बारे में पता होना चाहिए। लॉकडाउन को आगे बढ़ाने से कुछ नहीं होगा। 

साल 2019 में मिला था नोबेल पुरस्कार
अभिजीत बनर्जी एक प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री है। यह वर्तमान में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इकोनॉमिक्स के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर है। बनर्जी को उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल क्रेमर के साथ वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रायोगिक दृष्टिकोण के लिए 2019 में अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया गया था। 

रघुराम राजन से सबसे पहले की थी बात
बता दें इससे पहले कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन से बात की थी। इस बातचीत में रघुराम राजन ने कहा था कि गरीबों की मदद करना जरूरी है। जिसके लिए केंद्र सरकार को करीब 65 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। 
 

Created On :   5 May 2020 2:57 AM GMT

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