तमिलनाडु में स्लेंडर लोरिस के लिए देश का पहला अभयारण्य अधिसूचित
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। देश में पहला स्लेंडर लोरिस अभयारण्य की स्थापना को तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को अधिसूचित किया है। कडुवुर स्लेंडर लोरिस अभयारण्य करूर और डिंडीगुल जिलों में 11,806 हेक्टेयर में फैला है। जो वेदसंदूर, डिंडीगुल पूर्व और डिंडीगुल में नाथम तालुक और करूर में कडुवुर तालुक के क्षेत्रों को कवर करता है। राज्य सरकार ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 26 ए(1)(बी) के तहत कडुवुर स्लेंडर लोरिस अभयारण्य की स्थापना को अधिसूचित किया।
पतला (स्लेंडर) लोरिस छोटे निशाचर स्तनधारी हैं जो आम तौर पर पेड़ों पर रहते हैं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा उन्हें एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राज्य की अतिरिक्त मुख्य सचिव, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन, सुप्रिया साहू ने एक बयान में कहा कि प्रजातियों का अस्तित्व इसके आवास सुधार, संरक्षण प्रयासों और खतरों के शमन पर निर्भर करता है।
द्रमुक सरकार ने इस साल अप्रैल में विधानसभा में राज्य में भारत के पहले स्लेंडर लोरिस अभयारण्य की स्थापना की घोषणा की थी। तमिलनाडु सरकार ने पाक खाड़ी में भारत के पहले डुगोंग संरक्षण रिजर्व, विल्लुपुरम में काजुवेली पक्षी अभयारण्य, तिरुपुर में नंजरायन टैंक पक्षी अभयारण्य और तिरुनेलवेली जिले के अगस्त्यमलाई में पांचवें हाथी रिजर्व को अधिसूचित किया है। साहू ने बयान में कहा कि राज्य में 13 आद्र्रभूमि को भी रामसर साइट के रूप में अधिसूचित किया गया था।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   12 Oct 2022 11:30 PM IST