दिल्ली में बैन के बावजूद आतिशबाजी, डेंजर जोन पर पहुंचा पॉल्यूशन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन के बावजूद दिल्ली में दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की गई। शुक्रवार को दिल्ली वालों की सुबह गहरी धुंध के साथ हुई, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) पूरी रात से प्रदूषण स्तर पर नजर रखे हुए थी। सुबह जो आकंड़े जारी किये गए वो वाकई खतरनाक है। दिवाली की अगली सुबह प्रदूषण स्तर खतरनाक हो गया है और पीएम 10 और पीएम 2.5 में कई गुणा बढ़ोतरी रिकॉर्ड हुई।
अलर्ट के बाद भी कोई सुधार नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के मौके पर दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी, ताकि दिल्ली और आसपास के इलाकों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिल सके, लेकिन फिर दिल्ली के कई इलाकों में जमकर आतिशबाजी हुई। शहर के प्रदूषण निगरानी स्टेशन के ऑनलाइन संकेतक ने हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ बताई और उस हवा में रहने वालों के लिए उसे "खतरनाक" बताया।
24 गुना तक बढ़ा प्रदूषण स्तर
आपको बता दें पीएम 10 और पीएम 2.5 से हवा में मौजूद प्रदूषण की जांच की जाती है जिसमें पीएम 10 का लेवल 100 होना चाहिए और पीएम 2.5 का 60 जोकि सामान्य लोगों के सांस लेने के लिए ठीक होता है लेकिन दिवाली के इस पूरे सप्ताह में प्रदूषण के स्तर में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है। ये 24 गुणा ज्यादा हो गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आर के पुरम निगरानी स्टेशन ने रात करीब 11 बजे पीएम 2.5 का स्तर 878 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्तर 1,179 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर था।
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दिल्ली में छायी धुंध
यहां पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने का कोई असर नहीं देखा गया और दीपावली की रात राजधानी दिल्ली में जमकर आतिशबाजी की गई जिसका असर अगली सुबह पटाखे जलाने वालों को खुद ही देखने को मिला। दिवाली के इस पूरे सप्ताह पर कंट्रोल कमेटी यानी डीपीसीसी और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड यानी सीपीसीबी नजर रखे हुए था और हर रोज प्रदूषण स्तर में हो रही बढ़ोतरी के आंकड़े जारी कर लोगों को सचेत भी किया जा रहा था, लेकिन उसके बाद भी लोगों की इस तरह की लापरवाही ने हवा को उनके खुद के सांस लेने लायक नहीं छोड़ा।
कहां कितना प्रदूषण, दिल्ली के प्रमुख इलाकों की बात करें तो...
- इंडिया गेट पर सुबह 6 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 911 दर्ज की गई, जबकि सामान्य तौर पर इसे सिर्फ 60 माइक्रोन होना चाहिए।
-आंकड़े बताते हैं कि आरके पुरम जैसे पॉश इलाके में पीएम 2.5 की मात्रा 776 दर्ज हुई, जो कि सामान्य से तकरीबन 13 गुना ज्यादा है।
- अशोक विहार में पीएम 2.5 की मात्रा 820 दर्ज की गई, जो सामान्य से 14 गुना ज्यादा जोकि काफी खतरनाक है
- आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 9 गुना ज्यादा हो गया है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स में क्या है पीएम का स्तर | |
0-50 | अच्छी |
51-100 | संतोषजनक |
101-200 | मध्यम |
201-300 | खराब |
301-400 | बहुत खराब |
401 से ऊपर | चिंताजनक स्थिति |
बॉडी के लिए नुकासानदेह है यें सूक्ष्मकण
एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार अगर दिल्ली के प्रदुषण स्तर पर नजर डाली जाए तो ये बहुत ही चिंताजनक नजर आते हैं क्योंकि दिल्ली के बहुत सारे इलाके ऐसे हैं जिनमें प्रदुषण स्तर 400 तो छोडिए 800 के पार पहुंच चकुा है। हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 का लेवल इतना ज्यादा है बिमार तो छोडिए ये स्वस्थ लोगों को भी खतरनाक है। आपको बता दें पीएम 2.5 कण इतने ज्यादा सूक्ष्म होते हैं कि वो सांस के जरिए आसानी से आपके फेंफेड़ों मे पहुंच जाते हैं। ऐसे में जो लोग पहले से ही अस्तमाग्रस्त हैं उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
ये बात सच है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कुछ असर हुआ है जिससे पिछले साल की तुलना में पीएम 2.5 लेवल में थोड़ी गिरावट हुई है लेकिन अब भी स्थिति काफी गंभीर है।
Created On :   20 Oct 2017 8:30 AM IST