आप नेताओं के खिलाफ मानहानि मुकदमे में एलजी के पक्ष में आया फैसला

Decision in favor of LG in defamation case against AAP leaders
आप नेताओं के खिलाफ मानहानि मुकदमे में एलजी के पक्ष में आया फैसला
दिल्ली आप नेताओं के खिलाफ मानहानि मुकदमे में एलजी के पक्ष में आया फैसला
हाईलाइट
  • भ्रष्ट आचरण करने का आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना के पक्ष में एक अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया। एलजी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। आप नेताओं ने सक्सेना पर नोटबंदी के दौरान भ्रष्ट आचरण करने का आरोप लगाया था।

न्यायमूर्ति अमित बंसल ने आदेश में कहा, मैंने वादी के पक्ष में एक अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया और विस्तृत निर्देश दिए हैं। इससे पहले 22 सितंबर को इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा गया था।

सक्सेना ने आप और उसके पांच वरिष्ठ नेताओं संजय सिंह, आतिशी मलेर्ना, सौरभ भारद्वाज, जैस्मीन शाह और दुर्गेश पाठक को प्रतिबंधित करने के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पिछली सुनवाई में एलजी के वकीलों ने कहा कि आप नेताओं के ट्वीट और प्रेस कॉन्फ्रेंस, जो व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए हैं, अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण थे और एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी के खिलाफ थे।

अगस्त में आप ने उपराज्यपाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष के रूप में सत्ता के घोर दुरुपयोग के अलावा, नोटबंदी के दौरान धन शोधन में शामिल थे। एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, आतिशी मालेर्ना ने कहा था कि खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियर ने सक्सेना के खिलाफ गवाही दी है।

उन्होंने कहा था, उनके खिलाफ जांच का आदेश क्यों नहीं दिया गया? आप केंद्र सरकार और सीबीआई से वी.के. सक्सेना के 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में गहन जांच करने की मांग करती है। यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक स्पष्ट मामला है, ईडी को जांच करनी चाहिए और उनके कार्यालयों और आवासों पर छापेमारी करनी चाहिए।

आतिशी ने मीडिया को बताया था, केवीआईसी के दो कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव ने विभिन्न जांच समितियों को बयान दिया है। कैशियर के लिए काले धन को सफेद में परिवर्तित करना संभव नहीं है, क्योंकि उनके पास बहुत छोटे पद हैं। कैशियर के लिए भी बयान देना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने लिखित बयान दिया है कि उन पर तत्कालीन अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था, जो मूल रूप से काला धन था।

पार्टी के अन्य नेताओं और आप ने भी मामले की सीबीआई और ईडी जांच की मांग की थी और उपराज्यपाल की गिरफ्तारी की मांग की थी। इससे पहले उपराज्यपाल ने आरोपों पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था।

 

आईएएनएस

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Created On :   27 Sept 2022 12:00 PM IST

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