दिल्ली हिंसा : बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगा हाईकोर्ट

Delhi violence: High court will hear the habeas corpus petition
दिल्ली हिंसा : बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगा हाईकोर्ट
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हाईलाइट
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23-25 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी हिंसा के संबंध में दो लोगों को कथित रूप से अवैध हिरासत में लिए जाने के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

फिरोज खान द्वारा उसके दो भाइयों- मोहम्मद सबीर और भूरे खान की रिहाई के लिए दायर याचिका को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई। पीठ के अवकाश पर होने के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी।

अब मामले पर 6 मार्च को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि 24 फरवरी को उसके दो भाई मंडोली क्षेत्र में शाम लगभग 6.05 बजे एक फैक्टरी से काम कर घर लौट रहे थे, तभी भूरे खान के फोन से उसके साले शमशाद के पास फोन आया कि दोनों भाइयों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उन्हें दयालपुरी पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है।

फिरोज खान अगले दिन पुलिस स्टेशन पहुंचा तो वहां उसने अपने दोनों भाइयों को जेल में पाया। याचिका में कहा गया, याचिकाकर्ता (फिरोज) ने चूंकि 25 फरवरी को दयालपुर पुलिस स्टेशन से अपने भाइयों को रिहा कराने का आग्रह किया, तो पुलिस ने उसे बताया कि उन्हें 26 फरवरी की शाम तक छोड़ दिया जाएगा, क्योंकि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था नाजुक है। याचिकाकर्ता के भाई अभी तक रिहा नहीं हुए हैं। अभी भी अवैध रूप से दयालपुर पुलिस स्टेशन में अवैध हिरासत में रखे गए हैं। फिरोज ने अपने भाइयों की हत्या, गायब किए जाने या पुलिस द्वारा झूठे मामलों में फंसाए जाने का डर जताया है।

 

Created On :   3 March 2020 6:00 PM IST

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