क्या आपके किसी रिश्तेदार से साथ हुआ दुष्कर्म : सुप्रीम कोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपराधिक मामले में जनहित याचिका दायर होने से नाराज उच्चतम न्यायालय ने एक वकील से सवाल किया। "क्या रेप पीड़िता का कोई रिश्तेदार राहत के लिए हमारे सामने है, या क्या आपका कोई ऐसा रिश्तेदार है, जिससे रेप हुआ है?"
जस्टिस एसए बोबडे और एल नागेश्वर राव की बेंच ने एडवोकेट मनोहन लाल शर्मा से जनहित याचिका दायर करने के उसके औचित्य पर सवाल उठाते हुए अचरज जताया। कि आपराधिक मामलों में जनहित याचिका कैसे दायर हो सकती है।
दरअसल वकील ने आरोप लगाया था कि रेप के उन मामलों में पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही। जिनमें मंत्रियों, सांसदों या विधायकों जैसे ताकतवर लोगों की संलिप्तता होती है। शीर्ष अदालत ने इस वकील से जानना चाहा कि उन्नाव रेप कांड के संदर्भ में उसकी क्या हैसियत है। साथ ही यह भी जानना चाहा कि उन्नाव कांड से वह किस तरह प्रभावित हैं और इससे उनका क्या संबंध है?
साथ ही बेंच ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पहले ही इस मामले में कुछ आदेश दिए हैं। शर्मा जी आप इस मामले में प्रभावित व्यक्ति नहीं है। आपराधिक मामले में जनहित याचिका दायर नहीं हो सकती है।"
इसके बाद भी जब शर्मा ने अपनी याचिका पर जोर दिया तो न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए कहा कि इस पर विचार नहीं किया जा सकता।
बता दें कि शीर्ष न्यायालय उप्र के उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआई जांच के लिए दायर याचिका पर 11 अप्रैल को सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी। शर्मा का यह भी आरोप था कि पीड़िता के पिता को यातना दी गई और सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर पुलिस हिरासत में उनकी हत्या भी हो गई है। उन्होंने पिछले साल जुलाई में नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले की सीबीआई जांच का भी अनुरोध किया था।
Created On :   21 April 2018 11:52 AM IST