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डीके शिवकुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दी जमानत, बिना अनुमति नहीं छोड़ सकेंगे देश
हाईलाइट
- कर्नाटक कांग्रेस के नेता और विधायक डीके शिवकुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है
- उन्हें 25 लाख रुपए के बेल बॉन्ड और दो श्योरिटीज के साथ ये जमानत दी गई है
- कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिवकुमार कोर्ट की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ सकते
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक कांग्रेस के नेता और विधायक डीके शिवकुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। उन्हें 25 लाख रुपए के बेल बॉन्ड और दो श्योरिटीज के साथ ये जमानत दी गई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिवकुमार कोर्ट की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ सकते। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। डीके शिवकुमार को मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वह ज्यूडिशियल कस्टडी में तिहाड़ जेल में बंद है।
Delhi High Court grants bail to the Karnataka Congress leader DK Shivakumar on a personal bond of Rs 25 lakh in connection with a money laundering case. He was currently in judicial custody and his bail plea was rejected by the trial Court earlier. pic.twitter.com/hejoZ9D1y0
— ANI (@ANI) October 23, 2019
शिवकुमार को जमानत मिलने से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सुबह तिहाड़ जेल पहुंची थी। यहां उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार से मुलाकात की। सोनिया के साथ कांग्रेस के कई नेता भी मौजूद थे। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष ने शिवकुमार की सेहत की जानकारी ली और कुछ देर बात की।
2 अगस्त, 2017 को बेंगलुरु, कनकपुरा और नई दिल्ली में शिवकुमार के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद कथित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया था। इस छापेमारी में 8.5 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी जब्त की गई और इसके स्रोत पर कोई सबूत नहीं मिला। इसी आधार पर ईडी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शिवकुमार की गिरफ्तारी को बदले की राजनीति बताया था। उन्होंने कहा था 'डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी बदले की राजनीति का एक और उदाहरण है। ईडी/सीबीआई का इस्तेमाल करके सरकार चुनिंदा व्यक्तियों को निशाना बना रही है।'
अपनी गिरफ्तारी को लेकर डीके शिवकुमार ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा था, 'मैं बीजेपी के दोस्तों को बधाई देता हूं, वो आखिरकार मुझे गिरफ्तार करने के मिशन में कामयाब हो गए। मेरे खिलाफ आईटी और ईडी के केस राजनीति से प्रेरित हैं। मैं बीजेपी की बदले की भावना की राजनीति का शिकार हूं।'
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।