शहीद की 5 महीने की बेटी के नाम डीएम का भावुक खत, छलक जाएंगी आपकी आंखें
- जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मुठभेड़ में शहीद हो गए थे मुकुट बिहारी मीणा।
- डीएम ने कहा-पिता की शहादत को अपना नूर और गुरूर बनाना।
- राजस्थान: झालावाड़ के डीएम ने शहीद की 5 महीने की बेटी को लिखा भावुक खत।
- शनिवार को पैतृक गांव में सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।
डिजिटल डेस्क, जयपुर। एक छोटा सा गांव... हजारों लोगों की भीड़.... तिरंगे में लिपटा शहीद का शव... उस पर लेटी पांच महीने की मासूम... और चारो तरफ गूंजते नारे... "हम जिएंगे और मरेंगे, ए-वतन तेरे लिए" ये दृश्य सबकी आंखें नम कर गया। वतन के लिए अपनों को छोड़कर जाने की इस कुर्बानी से वहां मौजूद जिले के कलेक्टर ने शहीद की बेटी के नाम एक खत लिखकर शहादत को सलाम किया है।
#BraveIndianArmyJawan Hum Jeeyenge aur Marenge ae Watan tere liye! Last post sounded Ptr Mukut Bihari Meena cremated with full military honours at his native village Ladania in Jhalawar distt of Rajasthan. pic.twitter.com/Qpn8FcVOU4
— PRO Defence Rajasthan (@PRODefRjsthn) July 14, 2018
दरअसल राजस्थान के झालावाड़ में रहने वाले सैनिक मुकुट बिहारी मीणा जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे। शनिवार को शहीद का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनकी 5 महीने की बेटी आरू ने जब पिता को अंतिम विदाई दी तो वहां मौजूद हर किसी के रोंगटे खड़े गए।
गांव में शव के पास हजारों लोगों के बीच शहीद का पूरा परिवार और उनकी पांच महीने की बेटी भी मौजूद थी। अंतिम विदाई की तैयारियां चल ही रही थीं और मासूम बच्ची अपने पिता के शव पर लेट गई। वो कभी तिरंगे को छूती तो कभी पिता की बाहों में लेटती। ये सब देख रहे जिले के कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी ने बेटी आरू के नाम बहुत ही मार्मिक खत लिखा है। जिसे उन्होंने फेसबुक पर शेयर किया है।
डीएम डॉ. जितेन्द्र सोनी ने लिखा है....
"आज तुम्हें गोद में उठाए तुम्हारे मामा और परिवार के लोग जब आर्मी के एएसएल में बैठे और थोड़ी देर बाद तुम्हें तुम्हारे शहीद पिता की पार्थिव देहपेटी (कॉफिन) पर बैठाया तो पहले तुमने तिरंगे को छुआ और फिर बिना रोए कॉफिन पर ही लेट गईं, तब मैं नहीं जान पाया कि तुम्हारा अबोध मन-मस्तिष्क तुम्हें क्या बतला रहा था। हो सकता है कि थोड़ी देर पहले जब तुमने अपने पिता के देह-दर्शन के दौरान चेहरा देखा होगा तो अपरिभाषित जुड़ाव के साथ कॉफिन पर लेट गई होंगी। वह जो कुछ भी था, बहुत ही मार्मिक था। मैं और आर्मी के सारे अफसर तुम्हें देख रहे थे और मुझे पता है सभी अलग-अलग तरीके से सोच रहे होंगे मगर सोच का केंद्र तुम्हारी मासूमियत और तुम्हारे शहीद पिता थे।"
उन्होंने लिखा, "बिटिया आरू, जब बड़ी होकर तुम देश के शहीदों के बारे में पढ़ोगी या कभी किसी सभा/कार्यक्रम में बोलोगी या शहीदों पर सुनोगी तो यकीन करना कि तुम्हारे चेहरे पर एक फख़्र होगा और आंखों में एक गर्वित चमक। तुम अपने शहीद पिता की उंगली पकड़कर तो बड़ी नहीं होगी मगर उनकी शहादत के किस्से तुम्हें रोज सुनने को मिलेंगे। जब भी उनकी याद आए तो ध्यान रखना कुछ अभाव चुभते हैं मगर तुम्हारे पिता की तरह देश के लिए कुर्बान होने का गौरव सबको नसीब नहीं होता। शहीद अमर होते हैं।"
उन्होंने लिखा है,‘न केवल इस क्षेत्र के लोगों की बल्कि देश के हर जिम्मेदार और समझदार नागरिक की दुआएं और आशीर्वाद आपके साथ हैं। तुम खूब पढ़ना और अपने पिता की गौरवमयी शहादत को अपना नूर और गुरूर बनाना।’
https://t.co/MkYfR9MqsQ
— Dr.Jitendra K. Soni (@Jksoniias) July 15, 2018
Letter to Daughter of Martyr Mukut Bihari Meena pic.twitter.com/sOwHnUK7xl
गौरतलब है कि झालावाड़ के 100 घरों वाले लडानिया गांव के 25 वर्षीय मुकुट बिहारी मीणा 11 जुलाई को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
#ArmyCdrNC and all ranks salute the supreme sacrifice of Paratrooper Mukut Bihari Meena offer deepest condolences to the family @adgpi @PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/13msssJr0q
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) July 12, 2018
Created On :   16 July 2018 12:05 PM IST