जल्दी पैसा बनाने के लिए कमजोर लक्ष्य चुनते आर्थिक अपराधी (आईएएनएस साक्षात्कार)

Economic offenders choose weak targets to make quick money (IANS interview)
जल्दी पैसा बनाने के लिए कमजोर लक्ष्य चुनते आर्थिक अपराधी (आईएएनएस साक्षात्कार)
जल्दी पैसा बनाने के लिए कमजोर लक्ष्य चुनते आर्थिक अपराधी (आईएएनएस साक्षात्कार)
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। हाउसिंग स्कीम धोखाधड़ी से लेकर पोंजी स्कीम धोखाधड़ी तक सफेदपोश (व्हाइट कॉलर) अपराधी देशभर में लोगों को ठगने के लिए नए तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे जालसाजों की पहचान करके इन अपराधों पर शिंकजा कसने और अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की काफी अहम भूमिका रही है।

आईएएनएस के विशेष संवाददाता जफर अब्बास के साथ एक विशेष साक्षात्कार में संयुक्त पुलिस आयुक्त ईओडब्ल्यू ओ.पी. मिश्रा ने इस संबंध में खुलकर बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :

प्रश्न : वर्तमान परिदृश्य में, क्या आपको लगता है कि ईओडब्ल्यू की भूमिका कई गुना बढ़ गई है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग धोखेबाजों के चंगुल में फंस रहे हैं और सफेद कॉलर अपराधों के बढ़ने के साथ अपना पैसा खो रहे हैं?

उत्तर : हां, आर्थिक अपराध शाखा की भूमिका कई गुना बढ़ गई है। आर्थिक अपराध विभिन्न प्रकार के होते हैं। अपराधी व्यक्तिगत और सामूहिक पीड़ितों को चुनते हैं। वे इसके बाद पीड़ितों को अपने जाल में फंसाने के लिए अलग-अलग तरीके और तरकीब अपनाते हैं।

प्रश्न : पोंजी स्कीम्स से लेकर लैंड पूलिंग फ्रॉड तक, लोगों को ठगने के लिए धोखेबाजों की फिलहाल क्या रणनीति रहती हैं?

उत्तर : लैंड पूलिंग हाल ही में एक धोखाधड़ी के रूप में सामने आई है, जिसमें निर्दोष निवेशकों को डीडीए की प्रस्तावित लैंड पूलिंग नीति के तहत विभिन्न आवास योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता है। जमीनी हकीकत यह है कि डीडीए ने अभी तक दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यापक लैंड पूलिंग नीति की औपचारिक घोषणा या अंतिम रूप नहीं दिया है।

कई सोसायटी का गठन बेईमान व्यक्तियों द्वारा किया गया था, जो लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। ये सोसायटी डीडीए या रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा अनुमोदित नहीं है। हमने विभिन्न फर्जी सोसायटी के खिलाफ 19 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। इसी तरह, पोंजी स्कीम एक आकर्षक वित्तीय योजना है, जो अनधिकृत लोगों द्वारा निवेश पर बहुत अधिक रिटर्न के वादे के साथ मंगाई जाती है। पोंजी योजनाएं विभिन्न प्रकार की आड़ में संचालित होती हैं। ईओडब्ल्यू ने हाल ही में विभिन्न पोंजी स्कीम मामलों में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

प्रश्न : क्या आपको लगता है कि ईओडब्ल्यू सफेद कॉलर अपराध मामलों की आमद को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है?

उत्तर : हां, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली पुलिस सफेदपोश अपराध मामलों की आमद को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। जांच अधिकारियों के पेशेवर कौशल को निखारने के साथ ही जांच अधिकारियों ने मामलों की विशिष्ट प्रकृति को संभालने के लिए आवश्यक व्यावसायिक कौशल भी हासिल कर लिया है। यूनिट समय-समय पर तकनीकी रूप से खुद को लैस करने में भी सक्षम रही है। विभिन्न अन्य तकनीकी पहल कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

प्रश्न : अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद करोड़ों रुपये के अपराधों में धन की वसूली कितनी आसान या कितनी कठिन है?

उत्तर : आर्थिक अपराधों की जांच भारी दस्तावेज-आधारित है। अपराध की प्रकृति से संबंधित दस्तावेजों की जांच और सत्यापन बहुत जरूरी होता है। हमारे खोजी प्रोटोकॉल के अनुसार, मामला दर्ज होते ही कथित व्यक्तियों के बैंक खाते तुरंत फ्रीज कर दिए जाते हैं। हालांकि, विभिन्न अपराधों में वसूली सक्षम न्यायालय के आदेश पर एक कानूनी प्रोटोकॉल के माध्यम से होती है। आवास धोखाधड़ी के एक हालिया मामले में, बिल्डर को गिरफ्तारी के तुरंत बाद अदालत के आदेश से विभिन्न निवेशकों के पैसे वापस करने के लिए मजबूर किया गया है।

प्रश्न : आप आम जनता को क्या सलाह देंगे, ताकि वे धोखेबाजों की योजनाओं में न फंसे?

उत्तर : प्रत्येक अपराध पीड़ितों की ओर से बरती जाने वाली लापरवाही एवं कुछ खामियों के कारण होता है। आर्थिक अपराधी कमजोर लक्ष्य चुनते हैं, जो बहुत ही कम समय में जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं। मैं लोगों को साइट के उचित सत्यापन, कंपनी की साख और सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बाद ही आवास योजनाओं में निवेश करने की सलाह देना चाहूंगा।

एकेके/एसजीके

Created On :   7 Nov 2020 4:31 PM IST

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