Effect: चीन में कोरोना वायरस के कारण भारत में महंगी होंगी दवाएं

Effect: medicines will be expensive in India due to corona virus in China
Effect: चीन में कोरोना वायरस के कारण भारत में महंगी होंगी दवाएं
Effect: चीन में कोरोना वायरस के कारण भारत में महंगी होंगी दवाएं
हाईलाइट
  • नोवेल कोरोना वायरस के महामारी के कारण हुआ असर
  • बीते साल भारत ने 174 अरब रुपए की दवाएं ली थी चीन से

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन पर दवाओं की सामग्री के आयात की ज्यादा निर्भरता होने की वजह से भारत में जेनरिक दवाओं के महंगे होने की संभावना है। यह आयात नोवेल कोरोना वायरस के महामारी के कारण प्रभावित हुआ है। भारत के आयात के ज्यादातर चीन पर आश्रित होने का उल्लेख करते हुए कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने अपनी रिपोर्ट नोवेल कोरोना वायस इन चीन का प्रभाव में कहा है कि चार प्रांतों व चीन के करीब 50 शहरों में लॉकडाउन की वजह से भारतीय उद्योग पर काफी प्रभाव पड़ा है।

दुनिया से होने वाले आयात का 43 फीसदी भारत चीन से आयात करता है। भारत फार्मास्यूटिकल अवयव का 65 से 70 फीसदी व कुछ मोबाइल फोन पुर्जों का लगभग 90 फीसदी चीन से आयात करता है। दुनिया के सबसे बड़े निर्माता और निर्यातक चीन से भारत कुल इलेक्ट्रॉनिक्स का 45 फीसदी आयात करता है। इसमें मशीनरी का एक तिहाई और लगभग दो-तिहाई कार्बनिक रसायन और 25 फीसदी से अधिक ऑटोमोटिव पार्ट्स और उर्वरक हैं।

इन सेक्टर पर पड़ चुका है प्रभाव
हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था पर अब तक का समग्र प्रभाव मध्यम है, लेकिन सीआईआई ने कहा है कि फार्मास्युटिकल्स, शिपिंग, ऑटोमोबाइल, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर पहले ही प्रभावित हो चुके हैं या उन पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।

बीते साल भारत ने 174 अरब रुपए की दवाएं ली थी चीन से
भारतीय फार्मा उद्योग भारी मात्रा में थोक दवाओं एक्टिव फार्मास्युटिकल इंटीग्रेंट एंड इंटरमिडिएट्स (एपीआई) के आयात के लिए चीन पर निर्भर है। देश में 70 फीसदी एपीआई चीन से आयात होता है। चीन से आयात पिछले कई वर्षो से लगातार बढ़ रहा है। भारत ने बीते साल 249 अरब रुपए के थोक दवाओं का आयात किया था, यह हमारे घरेलू खपत का कुल 40 फीसदी है। बीते साल भारत ने चीन से 174 अरब रुपए के एपीआई का आयात किया।
 

Created On :   17 Feb 2020 6:21 PM GMT

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