कोई कैंडिडेट दो सीट से चुनाव लड़ता है, तो उससे खर्च वसूला जाए : EC

Election Commission Supports One Candidate-One Seat PIL in Supreme Court
कोई कैंडिडेट दो सीट से चुनाव लड़ता है, तो उससे खर्च वसूला जाए : EC
कोई कैंडिडेट दो सीट से चुनाव लड़ता है, तो उससे खर्च वसूला जाए : EC
हाईलाइट
  • पिटीशन में कहा गया है कि जन प्रतिनिधि एक्ट के सेक्शन-33 (7) के तहत एक कैंडिडेट दो सीटों से चुनाव लड़ सकता है।
  • इसमें ये भी कहा गया है कि एक आदमी एक वोट की तरह ही एक कैंडिडेट
  • एक सीट होना चाहिए और जनप्रितिनिधि एक्ट के सेक्शन-33 (7) को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए।
  • इससे सरकार पर खर्च बढ़ता है
  • जो जनता के पैसों का दुरुपयोग है।
  • कैंडिडेट दोनों जगह से जीतता है तो उसे एक सीट छोड़नी पड़ती है और उस सीट पर उपच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक कैंडिडेट को दो सीटों से चुनाव लड़ने पर रोक की मांग वाली पिटीशन पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की तरफ से फाइल की गई इस पिटीशन पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है। वहीं इलेक्शन कमीशन ने भी इस पिटीशन का समर्थन किया है। कमीशन का कहना है अगर कोई कैंडिडेट दो सीट से चुनाव लड़ता है तो उपचुनाव का खर्च उससे वसूला जाए।

पिटीशन में क्या की गई है मांग?

बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की तरफ से फाइल की पिटीशन में एक कैंडिडेट के दो सीट पर चुनाव लड़ने की रोक लगाने की मांग की गई है। पिटीशन में कहा गया है कि जन प्रतिनिधि एक्ट के सेक्शन-33 (7) के तहत एक कैंडिडेट दो सीटों से चुनाव लड़ सकता है। जबकि सेक्शन-70 कहता है कि दो सीटों से चुनाव लड़ने के बाद अगर कैंडिडेट दोनों सीटों पर जीत जाता है तो उसे एक सीट से इस्तीफा देना होगा, क्योंकि वो एक ही सीट अपने पास रख सकता है।

पिटीशन में कहा गया है कि हर नागरिक का मौलिक अधिकार है कि वो कैंडिडेट का रिकॉर्ड, योग्यता देखे और वोट करे। अगर कैंडिडेट दोनों जगह से जीतता है तो उसे एक सीट छोड़नी पड़ती है और उस सीट पर उपचुनाव होता है। इससे सरकार पर खर्च बढ़ता है, जो जनता के पैसों का दुरुपयोग है।

इसमें ये भी कहा गया है कि एक आदमी एक वोट की तरह ही एक कैंडिडेट, एक सीट होना चाहिए और जनप्रितिनिधि एक्ट के सेक्शन-33 (7) को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए।

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इलेक्शन कमीशन का क्या है कहना?

वहीं इस पिटीशन का समर्थन इलेक्शन कमीशन ने भी किया है। इलेक्शन कमीशन की तरफ से पेश हुए अमित शर्मा ने कोर्ट को बताया कि "कमीशन ने इस मामले में पहले साल 2004 और फिर 2016 में केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी और जनप्रितिनिधि एक्ट के सेक्शन-33 (7) में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया था।" उन्होंने कहा "दो जगहों से चुनाव लड़ने और दोनों सीट जीतने पर कैंडिडेट को एक सीट छोड़नी पड़ती है और वहां फिर से चुनाव कराने पड़ते हैं। इससे मैनपॉवर और अतिरिक्त खर्चा होता है, जो सीधे-सीधे वोटर्स का नुकसान है।"

इलेक्शन कमीशन ने क्या दिया सुझाव?

इस मामले में इलेक्शन कमीशन ने सुझाव देते हुए कहा कि अगर कोई कैंडिडेट दोनों सीटों से जीत जाता है, तो एक सीट छोड़ने वाले से दोबारा चुनाव का खर्च वसूला जाना चाहिए। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि अगर कोई कैंडिडेट विधानसभा चुनावों में दो जगहों से लड़ता है, तो उससे 5 लाख रुपए डिपॉजिट कराए जाने चाहिए। इसी तरह से लोकसभा चुनावों में दो जगहों से लड़ने पर कैंडिडेट से 10 लाख रुपए डिपॉजिट कराए जाने चाहिए। इन पैसों का इस्तेमाल उस सीट पर उपचुनाव कराए जाने पर किया जाएगा।

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कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

इस मामले पर चीफ जस्टिस की बेंच ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है। बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि "हमने इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मदद मांगी थी। वो इसके लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अपना जवाब देने के लिए वक्त मांगा है।" अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में होगी।

Created On :   5 April 2018 2:13 AM GMT

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