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कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक भोपाल पहुंचे

हाईलाइट
- कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक भोपाल पहुंचे
भोपाल, 21 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मध्य प्रदेश के 21 पूर्व विधायक शनिवार रात विशेष विमान से भोपाल पहुंच गए। इसके पहले कांग्रेस के बागी इन 21 पूर्व विधायकों ने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। एक बागी पूर्व विधायक पारिवारिक कारणों से भाजपा की सदस्यता नहीं ले सका।
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद 21 पूर्व विधायक शनिवार रात विशेष विमान से यहां पहुंचे। इन विधायकों में गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, एंदल सिंह कंसाना, रघुराज सिंह कंसाना, गिरराज दंडौतिया, कमलेश जाटव, ओ.पी. एस. भदौरिया, रणवीर जाटव, मुन्ना लाल गोयल, रक्षा संतराम सिरौनिया, जसवंत जाटव, जसपाल सिंह जज्जी, बृजेंद्र सिंह यादव, बिसाहू लाल सिंह, मनोज चौधरी, राजवर्धन सिंह, हरदीप सिंह डंग शामिल हैं। जबकि एक पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ पारिवारिक कारणों से भाजपा की सदस्यता नहीं ले सके।
भाजपा में शामिल होकर भोपाल पहुंचे इन पूर्व विधायकों के स्वागत की कोई तैयारी नहीं रही, क्योंकि कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण सार्वजनिक समारोहों पर रोक है। इन सभी नेताओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, क्योंकि ये बागी अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता जताते आ रहे हैं।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों कांग्रेस के 22 विधायकों ने बगावत कर मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इनमें से छह का पहले और 16 का बाद में इस्तीफा मंजूर किया गया। इस तरह सभी 22 बागियों का इस्तीफा मंजूर किए जाने के बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई। सुप्रीम कोर्ट के बहुमत परीक्षण के निर्देश के बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ये सभी बागी पूर्व विधायक इससे पहले बेंगलुरू में डेरा डाले हुए थे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।