फर्जी अफसर बनकर किरण पटेल ने खूब लूटे सरकारी मशनरी के मजे, जानिए इस तरह सरकारी संपत्ति और कर्मचारियों का बेजा इस्तेमाल करने पर क्या मिलती है सजा?

Fake IAS Kiran Bhai Patel was caught by the police, there was a lot of fear on the police
फर्जी अफसर बनकर किरण पटेल ने खूब लूटे सरकारी मशनरी के मजे, जानिए इस तरह सरकारी संपत्ति और कर्मचारियों का बेजा इस्तेमाल करने पर क्या मिलती है सजा?
फर्जी IAS को सजा! फर्जी अफसर बनकर किरण पटेल ने खूब लूटे सरकारी मशनरी के मजे, जानिए इस तरह सरकारी संपत्ति और कर्मचारियों का बेजा इस्तेमाल करने पर क्या मिलती है सजा?
हाईलाइट
  • फर्जी आईएएस का रसूख

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से एक फर्जी आईएएस को गिरफ्तार किया गया है। जो खुद को प्रधानमंत्री के कार्यालय से जोड़ता था। लेकिन अब इसकी तमाम करतूतों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है और इसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया है। गौरतलब है कि, ये पहली बार नहीं है कि यह घटना हुई हो। इससे पहले भी वो आईएएस के रसूख में पुलिस अधिकारियों पर अपना रोब दिखाता रहा है। गिरफ्तार होने से पहले यह फर्जी आईएएस घाटी में दो बार जा चुका है और खूबसूरत वादियों का सुरक्षा घेरे में लुत्फ उठा चुका है। 

कैसे हुई इसकी पहचान

खबरों की मानें तो किरण भाई पटेल नाम का यह फर्जी आईएएस का भंडाफोड़ केंद्रीय एंजेंसियों की छानबीन के बाद हुआ है। जब एजेंसियों ने इस फर्जी आईएसएस को लेकर जांच पड़ताल शुरू की तो पाया कि ये गलत दस्तावेजों और फर्जी आईडी दिखाकर लोगों को भम्र में रख रहा था। इसी का फायदा  उठाकर तमाम जगहों पर वो लाभ उठता रहा है। लेकिन यह अब तक पाता नहीं चल पाया है कि इस फर्जी आदमी का काम कितने दिनों से चल रहा था। 

फर्जी आईएएस का रसूख

फर्जी आईएएस बने फिरे और अपने आप को पीएमओ का कार्यालय का अधिकारी बताते हुए इस आदमी ने करीब जम्मू कश्मीर में तीन बार का दौरा कर चुका है। जहां पर उसे सुरक्षा की तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इस बार भी उसके सुरक्षा में पुलिस तैनात  रही थी। बाकायदा  इस सफर के दौरान वो संवेदनशील इलाका एलओसी का भी भ्रमण किया जिसके साथ कई सुरक्षाकर्मी भी गए हुए थे। इस दौरान उसने कई रील्स और वीडियो  बनाए थे और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया था। 

कौन हैं किरण पटेल

किरण भाई पटेल मूल रूप से गुजरात का रहने वाला है। अभी तक जो खबरें सामने आई है उसके हिसाब से वो खुद को पीएचडी होल्डर बताता है। उसने अपने ट्वीटर हैंडल पर एमबीए और एम टेक में पढ़ाई करने का भी दावा किया है। हालांकि, अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर किसी भी प्रकार का कोई भी ऐसी जानकारी नहीं दी है कि वो पीएमओ का अधिकारी है। वहीं इन तमाम फर्जीवाड़े के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और कोर्ट ने उसे 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

— Dr. Kiran J Patel (@kiranpatel1977) February 15, 2023

 

इसी के साथ कुछ सवाल भी शासन और प्रशासन के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। जिनमें मुख्य- 

  • शासन और प्रशासन ने इसे लेकर पहले क्यों नहीं संजीदगी दिखाई? 
  • कोई भी व्यक्ति अपने आप को आईएएस कहने लग सकता है?
  • इस पूरे मामले का जिम्मेदार कौन है?
  • केंद्रीय एजेंसियों के जांच से पहले पुलिस महकमा क्या कर रहा था?
  • इस गलत काम में और तो कोई नहीं है?

इन धाराओं में हो सकती हैं कड़ी कार्रवाई

फर्जी आईएएस किरण पटेल पर पुलिस गंभीर धाराओं के साथ एफआईआर दर्ज कर सकती है। जिनमें आईपीसी की धारा 170, 171, 419, 468 और 471 शामिल है। अगर किरण पटेल पर ये धाराएं लगती हैं तो उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं कि ये धाराएं कब और कैसे लगती हैं और अपराध सिद्ध होने पर कितने सालों तक कारावास की सजा हो सकती है।

धारा 170- भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जानते हुए सरकारी नौकरशाह बनकर और वर्दी पहन व बैच का गलत उपयोग करता है तो उस पर आईपीसी की धारा 170 लगाई जा सकती है। इस धारा के अंतर्गत दोषी को दो सालों की जेल और इस उस पर भारी भरकम आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह अपराध गैर-जमानती धारा के अधीन आता है।

धारा 171- भारतीय दंड संहिता की धारा 171 के अनुसार यह उस व्यक्ति पर लगाई जाती है जो लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि वो एक सरकारी नौकरशाह यानी पब्लिक सर्वेंट है ऐसा करके गलत इरादे से वर्दी धारण कर लोगों को भ्रमित करने काम करता है। जो कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस छलकपट को किसी भी तरह से माफ नहीं किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति इस तरह के अपराध में शामिल होता है तो उस पर तीन महीने की सजा के साथ दो सौ रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 419- यह धारा उस व्यक्ति पर लगाइ जाती है जो किसी तरह अपनी गलत पहचान बताकर किसी बड़े जालसाजी को अंजाम देता है। अगर इस पूरे मामले में वो दोषी पाया जाता है तो उसे एक अवधि के लिए जेल भी हो सकता है। साथ ही इस अवधि को तीन सालों तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अतिरिक्त कोर्ट उस पर आर्थिक दंड भी लगा सकता है।

धारा 468- भारतीय दंड सहिता के अनुसार जब कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का कोई जाली या नकली दस्तावेज किसी को भ्रमित करने और गलत मंसूबों से उसके सामने पेश करता है तो उस व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 468 लग सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे 7 वर्षों की सजा भी हो सकती है।

धारा 471- भारतीय दंड संहिता की धारा 471 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति बेईमानी या धोखेबाजी करने के उद्देश्य से किसी भी प्रकार से ठगने का काम करता है तो उस पर आईपीसी की धारा 471 का मुकदमा दर्ज हो सकता है। साथ ही कोर्ट सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी दे सकता है।

Created On :   18 March 2023 5:59 AM GMT

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