- फारूक अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को बताया केन्द्र सरकार का गुलाम
- फारूक ने पूछा- जब बीजेपी ने PDP के साथ गठबंधन किया था
- तब ये आंतकवाद फ्रेंडली नहीं था क्या?
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में दो दिनों से चल रहे राजनैतिक ड्रामे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। अब्दुल्ला ने कहा कि इस बार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से उन्हें बहुत उम्मीदें थीं लेकिन यह बेहद दुखद रहा कि वे भी केन्द्र सरकार के गुलाम निकले। अब्दुल्ला ने कहा, "गवर्नर का पद बेहद सम्मानजनक होता है, उन्हें इस पूरे मामले को अच्छे से संभालना चाहिए था, उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के लिए 5 महिनों का वक्त क्यों लिया?"
फारूक अब्दुल्ला ने इसके साथ ही बीजेपी द्वारा PDP-NC-Congress गठबंधन को पाक निर्देशित बताने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जब बीजेपी ने PDP के साथ गठबंधन किया था, तब ये आंतकवाद फ्रेंडली नहीं था लेकिन अब जब PDP के साथ NC और कांग्रेस ने गठबंधन किया तो ये आतंकवाद फ्रेंडली कैसे हो गया?"
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन बड़ी पार्टी - PDP, NC और कांग्रेस ने एकजुट होकर बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद राज्यपाल ने नई सरकार बनाने की इन तीन दलों की कोशिशों को बेकार करते हुए विधानसभा भंग कर दी थी। इसके पीछे कारण यह बताया गया था कि पीडीपी में आपस में मनमुटाव है और उसके 18 विधायक बागी हैं। ऐसे में तीनों दलों के पास मिलकर भी सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं है। राज्यपाल की ओर से यह भी कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही थी, इसलिए उन्होंने विधानसभा भंग की है।
विधानसभा भंग होने के बाद से ही PDP, NC और कांग्रेस तीनों ही दल राज्यपाल पर केन्द्र सरकार के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगा रहे हैं। फिलहाल अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद ही कोई नई सरकार अस्तित्व में आ सकती है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव हो सकता है।
Created On :   22 Nov 2018 9:41 PM IST