टाइगर के घर में लाल आतंक का डर, खतरे से घबरा रहे पर्यटक, सीमावर्ती राज्यों से गरीबों के नेता बनकर आ रहे है नक्सली

टाइगर के घर में लाल आतंक  का डर, खतरे से घबरा रहे पर्यटक, सीमावर्ती राज्यों से गरीबों के नेता बनकर आ रहे है नक्सली
मध्य प्रदेश टाइगर के घर में लाल आतंक का डर, खतरे से घबरा रहे पर्यटक, सीमावर्ती राज्यों से गरीबों के नेता बनकर आ रहे है नक्सली
हाईलाइट
  • कान्हा के गढ़ में नक्सलियों का खौंफ

डिजिटल डेस्क, भोपाल, आनंद जोनवार। बाघों के घर कान्हा नेशनल पार्क में बढ़ रहे लाल आतंक के खतरे का कारण आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या कम होने का अनुमान है। ये बात भास्कर हिंदी संवाददाता से बात करते हुए पद्मश्री भालू मोंढ़े ने कही। आपको बता दें पिछले कुछ महीनों से कान्हा टाइगर रिजर्व में नक्सलियों की दबदबा बढ़ता जा रहा है। पार्क के करीब करीब 80 फीसदी इलाके में नक्सलियों का कब्जा हो गया है।

कान्हा टाइगर रिजर्व में केवल 18 फीसदी ही पर्यटन बचा है। मंडला स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व में नक्सलियों के कब्जे को लेकर पूर्व पीसीसीएफ एचएस पाबला का बयान शुक्रवार को दिनभर सुर्खियों में रहा। उन्होंने इसके समर्थन में  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। इससे पहले भी प्रदेश सरकार को सचेत रहने, नियंत्रण और निगरानी करने के लिए केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और ग्लोबल टाइगर फोरम के सेक्रेटरी जनरल राजेश गोपाल ने सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था। मंडला सांसद एवं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का भी मानना है कि इलाके में नक्सली गतिविधिया भी बढ़ी। उन्होंने प्रदेश सरकार से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की बात कही थी।  राज्य सरकार ने शुक्रवार को इसे लेकर विभागीय और सैन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। 

                                                     

घने जंगलों के साथ पहाड़ी इलाका होने के कारण आम लोगों की आवाजाही और तकनीकी पहुंच से दूर होने के कारण नक्सली यहां  कब्जा करने की फिराक में रहते है। कीमती जानवरों के मरने की आशंका के चलते यहां पुलिस नक्सलियों पर फायरिंग करने से बचती है। इन सभी का फायदा नक्सली उठाते हैं। 

                                                    

नक्सली एक तरफ बंदूक की नोंक पर कब्जा करना चाहते है। खबर है कि नक्सलियों ने पिछले दो से तीन माह में 3 वन कर्मचारियों की हत्या कर दी है। डर के कारण सुरक्षा में तैनात कर्मचारी ड्यूटी पर जाने से अब डर रहे हैं। हालांकि कान्हा के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह के मुताबिक पार्क में पर्यटकों की संख्याओं में कोई कमी नहीं आई। देश के बड़े नेशनल पार्कों में शुमार कान्हा नेशनल पार्क टाइगर और घने जंगल के लिए जाने जाता है। टाइगर स्टेट का खिताब अपने नाम करने वाले देश के दिल मध्यप्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद है। जो आजकल लाल आतंक के साए में जी रहा है। आपको बता दें इससे पहले  साल 2021  में नक्सलियों ने  पार्क के कोर और बफर जोन में बेस कैंप बनाना चाहते थे। लेकिन सरकार की सक्रियता के चलते समय रहते ही पुलिस ने नक्सिलयों को वहां से खदेड़ दिया था।  

प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात, पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र सतपुड़ा के घने जंगल में मध्यप्रदेश की शान मस्ती करते बाघ और उनके घर कान्हा पार्क में सैकड़ों टाइगर हैं, जो  विदेशी सैलानियों को खूब लुभाते हैं। पर्यटकों को बाघों का दीदार यहां आसानी से हो जाता है। अठखेलियां करते बाघ इंसानों के करीब आकर उनका भरपूर मनोरंजन भी करते हैं। इसके चलते यहां के टाइगरों के पर्यटक दिवाने हो जाते हैं। आपको बता दें सर्दियों में जंगल सफारी का यहां अलग ही मजा  है। लेकिन यदि समय रहते हुए राष्ट्रीय पार्क में नक्सली गतिविधियों  पर लगाम नहीं कसा गया तो आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिल सकती हैं।  

भास्कर हिंदी को भालू मोंढ़े ने बताया कि सीमावर्ती राज्यों से कान्हा नेशनल पार्क में नक्सली आ रहे है। जो नेताओं के रूप में गरीब लोगों को अपने पाले में कर लेते है। आज वनकर्मियों को नक्सली मार रहे है, आने वाले समय में यदि इन पर लगाम नहीं लगाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब नक्सली पर्यटकों को बंदूक की नोंक पर लूटेंगे और डराएंगे।  

 

 

 

Created On :   9 April 2022 11:21 AM GMT

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