Milkha Singh Love Story:  हथेली पर लिखा नंबर फिर दिल दे बैठे, मिल्खा को उनके प्यार से मौत भी जुदा न कर सकी

Flying Sikh Milkha singh and Nirmal Kaurs unmatchable romance with near miss
Milkha Singh Love Story:  हथेली पर लिखा नंबर फिर दिल दे बैठे, मिल्खा को उनके प्यार से मौत भी जुदा न कर सकी
Milkha Singh Love Story:  हथेली पर लिखा नंबर फिर दिल दे बैठे, मिल्खा को उनके प्यार से मौत भी जुदा न कर सकी
हाईलाइट
  • दिलचस्प है मिल्खा सिंह
  • निर्मल कौर की लवस्टोरी
  • शादी कराने के लिए सीएम को करना पड़ा हस्तक्षेप
  • हाथ पर होटल का नंबर लिख शुरु हुआ प्यार

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। रेसिंग ट्रेक पर तेजी से उड़ान भरने वाले मिल्खा सिंह का खेल सफर जितना दिलचस्प रहा है। उतना ही रोचक रहा है उनका अपनी जिंदगी के पहले प्यार से मिलना। फिर उससे शादी होना। ये ऐसी लवस्टोरी है जो जीतेजी चलती रही और मौत के बाद भी जारी है। मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर भी खेलों से जुड़ी रहीं। वो पंजाब की वॉलीबॉल टीम में कैप्टन रहीं। उनका भी जन्म पाकिस्तान में ही हुआ। वो भी बाद में परिवार के साथ भारत आ कर बस गईं। मिल्खा और उनकी पत्नी निर्मल कौर के जीवन में संयोग महज इतने ही नहीं है। इत्तेफाकों ने इस रिश्ते को कुछ ऐसा बांध रखा था कि जन्म से लेकर मृत्यु तक में एक नया संजोग दिखाई दिया। 

नाम नहीं नंबर लिख कर हुआ प्यार
1955 में मिल्खा और निर्मल दोनों अपने अपने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने श्रीलंका पहुंचे थे। इसी दौरान एक इंडियन बिजनेसमैन ने वॉलीबॉल और एथलेटिक्स टीम को खाने पर बुलाया था। इसी पार्टी में मिल्खा और निर्मल की मुलाकात हुई। पार्टी खत्म हुई तो लौटने से पहले अपने हाथ में पैन लेकर निर्मल के हाथ पर होटल का नंबर लिख दिया। बस बातचीत का सिलसिला चल निकला। फिर भी बात आगे बढ़ाने में पांच साल का वक्त लग गया। 1960 में दोनों फिर दिल्ली नेशनल स्टेडियम में मिले। इस वक्त तक मिल्खा बड़ा नाम बन चुके थे। ऐसे में उनकी ऑफर की हुई कॉफी डेट को निर्मल ठुकरा नहीं सकीं। प्यार की गाड़ी आगे बढ़ गई। 

सीएम की मदद से हुई शादी
दिल मिलने के बाद भी शादी के बंधन में बंध जाना इतना आसान नहीं था। वो दौर लव मैरिज को खुशी खुशी एक्सेप्ट करने वाला वक्त नहीं था। दोनों के परिवार शादी के लिए तैयार नहीं थे। नतीजा ये हुआ कि पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों को मदद के लिए आगे आना पड़ा। उनकी पहल के बाद ही दोनों के परिवार शादी के लिए राजी हुए। जिसके बाद मिल्खा और निर्मल एक हो गए। 1962 में दोनों सात जन्म के बंधन में बंध गए और 58 साल एक साथ गुजार दिए।

प्यार के आगे मौत भी हारी
ये भी क्या इत्तेफाक है कि जिस निर्मल को मिल्खा से जुदा करने के लिए मौत उन्हें पांच दिन पहले ही अपने साथ ले गई। उसी निर्मल से दोबारा मिलने के लिए मिल्खा पांच ही दिन बाद उस रास्ते पर चल दिए। मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल का निधन उनकी मृत्यु से पांच ही दिन पहले हुए। निर्मल कौर ने 85 साल की उम्र में दम तोड़ा तो मिल्खा सिंह ने 91 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। जब तक जिए एक दूसरे से बेइंतहा प्यार किया। शायद इसलिए मौत की पाबंदियां भी दोनों को मिलने से रोक नहीं पाईं। 

Created On :   19 Jun 2021 6:51 AM GMT

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