नहीं रहे दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना, 82 वर्ष की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक से निधन

Former chief minister of Delhi Madan Lal Khurana passed away 
नहीं रहे दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना, 82 वर्ष की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक से निधन
नहीं रहे दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना, 82 वर्ष की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक से निधन
हाईलाइट
  • 82 वर्ष की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक से निधन
  • दिल्ली के निजी अस्पताल में लंबे समय से चल रहा था इलाज
  • नहीं रहे दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना का शनिवार रात 11 बजे लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 82 वर्ष के खुराना पिछले कुछ सालों से ब्रेन स्ट्रोक की वजह से कोमा में थे। दिल्ली के निजी अस्तपाल में डॉक्टर लगातार उनका इलाज कर रहे थे। इसी साल अगस्त महीने में उनके बड़े बेटे विमल खुराना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था। 

जानकारी के मुताबिक खुराना को छाती में संक्रमण था और पिछले कुछ दिनों से बुखार भी था। शनिवार सुबह से ही उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें पांच साल पहले ब्रेन हेमरेज हुआ था और तब से वह बीमार चल रहे थे।परिवार ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। खुराना के निधन की जानकारी उनके परिवार ने दी।खुराना के परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।


अमित शाह समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने खुराना के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट किया, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मदनलाल खुराना जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। खुराना जी एक आदर्श स्वयंसेवक, एक समर्पित विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता व जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के एक मजबूत स्तम्भ के रूप में सदैव याद किये जायेंगे।


राजनीतिक सफर पर एक नजर
मदन लाल खुराना 1993 से 1996 तक दिल्ली के सीएम रहे। वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाए गए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बीजेपी में आए मदन लाल खुराना को 2004 में वाजपेयी सरकार के आखिरी दौर में राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था। 20 अगस्त 2005 को खुराना को पार्टी से निकाल दिया गया, लेकिन कुछ महीने के बाद उन्हें वापस ले लिया गया। हालांकि, 2006 में एक बार फिर पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए पार्टी से उन्हें निकाला गया। 

खुराना का जीवन
मदन लाल खुराना का जन्म 15 अक्टूबर 1936 में पंजाब के शहर लयालपुर में हुआ था। बंटवारे का बाद लयालपुर पाकिस्तान का हिस्सा बना और शहर का नाम बदलकर फैसलाबाद कर दिया गया। खुराना ने करीब 12 साल की उम्र पाकिस्तान के लयालपुर से अपना घर बार छोड़कर दिल्ली कूच किया और यहीं आबाद हुए। छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले खुराना इलाहाबाद स्टूडेंट यूनियन के जनरल सेक्रेटरी चुने गए।

Created On :   28 Oct 2018 9:44 AM IST

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