कानपुर में लाखों लीटर गंदे नाले के पानी से दूषित हो रही गंगा

Ganga getting contaminated by millions of liters of dirty drain water in Kanpur
कानपुर में लाखों लीटर गंदे नाले के पानी से दूषित हो रही गंगा
कानपुर में लाखों लीटर गंदे नाले के पानी से दूषित हो रही गंगा

कानपुर, 5 नवंबर (आईएएनएस)। गंगा को निर्मल बनाने की सरकार की योजना कानपुर में सफल होती नजर नहीं आ रही है। गंगा में गंदे नालों का पानी गिरना बंद करने के बजाय सरकारी विभाग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और उधर जाजमऊ स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने के कारण बड़े नाले का पानी गंगा में धड़ल्ले से गिर रहा है। लाखों लीटर गंदे पानी से गंगा दूषित हो रही है।

कानपुर के मंडलायुक्त सुधीर एम. बोबडे ने आईएएनएस से कहा, सीवरेज की सफाई होने के कारण गंदा पानी अभी गंगा में जा रहा है। 10 नवंबर के बाद गंदे पानी का डिस्चार्ज बंद हो जाएगा। जल निगम को मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि गंगा को निर्मल बनाने के लिए इसे किसी भी कीमत में बंद करना पड़ेगा। गंगा जल्द ही फिर पूर्णतया अविरल और निर्मल दिखेगी।

कानपुर के रानीघाट, सरसैय्या घाट, भैरोघाट, परमट में सीवर पाइप के जरिए गंगा में डाला जा रहा है। पाइप को बालू से छिपाकर गंगा में मिला दिया गया है, जो दिखाई नहीं देता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को नमामि गंगे परियोजना के तहत हो रहे कार्यो की समीक्षा करने कानपुर आ सकते हैं। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री भी भाग लेंगे। गंगा को निर्मल बनाने के लिए और क्या उपाय किए जा सकते हैं, इस पर मंथन होगा।

गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नमामि गंगे अभियान के तहत नालों को बंद करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही बिठूर, जाजमऊ समेत कई जगहों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की स्थापना का कार्य हो रहा है। इन कार्यो की गति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती।

मां गंगा प्रदूषण मुक्ति अभियान समिति के अध्यक्ष श्रीराम जी त्रिपाठी ने कहा, कानपुर 500 एमएलडी गंदा पानी गंगा में डिस्चार्ज हो रहा है। जबकि 332 लीटर ट्रीटमेंट प्लांट बने है। बांकी का गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है। वर्तमान में कानपुर के 21 बड़े गंदे नाले और सीवर का पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। ऐसे में गंगा अविरल और निर्मल कभी नहीं हो सकती। अभी जो काम हो रहा है पता नहीं कब तक पूरा होगा। वर्तमान में कानपुर में गंगा इतनी दूषित हो चुकी है कि आचमन करने लायक नहीं बची है।

जल निगम के मुख्य अभियंता अनिल गुप्ता का कहना है कि नालों का गंदा पानी गंगा में गिरना बंद करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। उसे इस पर ध्यान देना चाहिए, जबकि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह काम जलकल विभाग करता है। सीवर रोकने का काम नगर निगम नहीं करता।

Created On :   5 Nov 2019 3:30 PM GMT

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