कोविड-19: कोरोना संक्रमण के शक में लड़की को किया भर्ती, फिर मनोरोगी घोषित कर अस्पताल से निकाला

Girl admitted in isolation ward declared as a mental patient and removed from hospital in Banda UP Covid19
कोविड-19: कोरोना संक्रमण के शक में लड़की को किया भर्ती, फिर मनोरोगी घोषित कर अस्पताल से निकाला
कोविड-19: कोरोना संक्रमण के शक में लड़की को किया भर्ती, फिर मनोरोगी घोषित कर अस्पताल से निकाला

डिजिटल डेस्क, बांदा/चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के बांदा में राजकीय मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में चार दिनों तक भर्ती रही एक 22 वर्षीय लड़की को गुरुवार को मनोरोगी घोषित कर कथित रूप से जबरन निकाले जाने का मामला सामने आया है। अब लड़की अपने घर में आखिरी सांस ले रही है।

चित्रकूट जिले के भारतपुर गांव निवासी केदार यादव ने शुक्रवार को बताया कि उसने गुजरात से लौटी अपनी बेटी को कोरोना संक्रमण के शक में राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में 29 मार्च को भर्ती करवाया था। लड़की को बुखार, जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ थी।

यादव ने आरोप लगाया, लड़की का इलाज कर रहे डॉ. करन राजपूत लगातार कहते रहे कि लड़की का सैंपल कोरोना जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है। लेकिन जब गुरुवार दोपहर लड़की का बोलना बिल्कुल बंद हो गया, तब कई अधिकारी अचानक अस्पताल पहुंचे और लड़की को मनोरोगी घोषित कर जबरन रेफर का कागज बना दिया और इस शर्त पर वहां से घर आने दिया कि लड़की को मैं किसी दूसरे अस्पताल नहीं ले जा सकता। इसी डर से लड़की को अपने घर में लिए पड़ा हूं और लड़की आखिरी सांस ले रही है।

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केदार ने आईएएनएस को बताया कि लड़की को अब भी सांस लेने में तकलीफ है, और वह कुछ भी नहीं बोल पाती है। उन्होंने बताया, अस्पताल से निकालते समय डॉ. करन ने बताया था कि लड़की की लखनऊ से जांच रिपोर्ट आ गई है, इसे कोरोना नहीं है। जब रिपोर्ट मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इसी रेफर वाले पर्चे में पूरी रिपोर्ट लिखी है। यह पर्चा अपने परचित एक निजी चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने बताया कि इसमें मनोरोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए रेफर किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, लड़की को मनोरोगी घोषित कर जबरन मेडिकल कॉलेज से निकाले जाने की सूचना मंडलायुक्त को मिली तो उन्होंने इस बारे में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से बात की, और प्राचार्य ने उन्हें बताया कि लड़की मनोरोगी है और कोरोना वार्ड में तरह-तरह की हरकतें करती थी, इसलिए रेफर किया गया है। इसके पहले बुधवार को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश यादव ने आईएएनएस को बताया था कि कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती लड़की में कोरोना के लक्षण नहीं पाए जाने पर उसका सैंपल जांच के लिए लखनऊ नहीं भेजा गया।

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Created On :   3 April 2020 11:07 AM GMT

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