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एम्स में भर्ती गोवा CM मनोहर पर्रिकर, धवलीकर हो सकते हैं नए सीएम
हाईलाइट
- मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ी, एम्स में इलाज के लिए आज आएंगे दिल्ली
- गोवा सीएम पर्रिकर के जगह मंत्री धवलीकर को मिल सकती है जिम्मेदारी
- मनोहर पर्रिकर ने अमित शाह और पीएम मोदी से फोन पर बातचीत कर मांगा 6 महीने का रेस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जल्द सीएम पद छोड़ सकते है। खबर है कि पर्रिकर लंबे समय से अग्नाशय से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं। जिसकी वजह से पर्रिकर ने 6 महीनों के लिए अस्थाई रूप से पद छोड़ने की इच्छा जताई है। पर्रिकर अपने इलाज के लिए आज दिल्ली एम्स में भर्ती हो गए हैं। उन्हें इलाज के लिए विशेष विमान के जरिए दिल्ली लाया गया है। यहां डॉक्टरों की विशेष टीम उनका इलाज करेगी।
मनोहर पर्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से फोन पर बात कर अनुरोध किया था कि राज्य के नेतृत्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए, क्योंकि बीमारी के चलते वो सीएम पद पर बने रहने में 'असक्षम' हैं। इससे पहले 6 सिंतबर को पर्रिकर अमेरिका से इलाज करवाने के बाद स्वेदश से लौटे थे, लेकिन उन्होंने अब तक ऑफिस ज्वाइन नहीं किया है।पिछली बार जब पर्रिकर इलाज कराने के लिए विदेश गए थे तब उन्होंने 3 मंत्रियों को राज्य से जुड़े मामले देखने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन आखिरी फैसला वो खुद ले रहे थे। गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने कहा कि मनोहर पर्रिकर दोपहर 1 बजे दिल्ली के एम्स पहुंचेंगे।
मनोहर पर्रिकर अब तक तीन बार इलाज के लिए अमेरिका जा चुके हैं लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। पर्रिकर अपनी बीमारी को लेकर पीएम मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संपर्क में हैं। जानकारी के मुताबिक पर्रिकर ने अमित शाह से शुक्रवार को फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने दिल्ली एम्स में भर्ती होने और सीएम पद को छोड़ने की इच्छा जताई। इसके बाद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पर्रिकर के एक अस्थायी विकल्प की खोज में जुट गया है। पार्टी विजय पुराणिक को पर्यवेक्षक बनाकर भेज रही है। ऑर्गनाइजिंग सेक्रटरी बीएल संतोष भी गोवा जा रहे हैं।
धवलीकर को मिल सकती है कमान
सूत्रों की मानें तो गोवा में बीजेपी सरकार की सहयोगी पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के रामकृष्ण सुदीन धवलीकर को अस्थायी तौर पर सीएम का चार्ज दिया जा सकता है। पर्रिकर कैबिनेट में अभी सबसे वरिष्ठ मंत्री धवलीकर ही हैं। कुछ दिन पहले पर्रिकर ने बातचीत के लिए धवलीकर बुलाया था लेकिन लीडरशिप को लेकर कोई बात नहीं हुई। हालांकि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है कि पर्रिकर की जगह बीजेपी किस को कार्यभार सौंपेंगी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।