‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ विनाशकारी, 75000 ग्रामीण करेंगे PM मोदी का विरोध

Gujarat: villagers will perform heavily in protest against Statue of Unity
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ विनाशकारी, 75000 ग्रामीण करेंगे PM मोदी का विरोध
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ विनाशकारी, 75000 ग्रामीण करेंगे PM मोदी का विरोध
हाईलाइट
  • गुजरात राज्य में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तैयार हो चुकी है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का 31 अक्टूबर को अनावरण करेंगे
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ परियोजना से प्रभावित लगभग 75
  • 000 आदिवासी प्रतिमा के अनावरण और प्रधानमंत्री का विरोध करेंगे।

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात राज्य में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तैयार हो चुकी है। एकता की मिसाल इस प्रतिमा का अनावरण केन्द्र और गुजरात सरकार सयुंक्त रूप से करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का 31 अक्टूबर को अनावरण करेंगे, लेकिन इससे पहले ही ग्रामीणों द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। 

मूर्ति के आस-पास स्थित गांवों के हजारों ग्रामीण इस परियोजना के विरोध में भारी प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। नर्मदा जिला के केवड़िया में स्थानीय आदिवासी संगठनों ने कहा कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ परियोजना से प्रभावित लगभग 75,000 आदिवासी प्रतिमा के अनावरण और प्रधानमंत्री का विरोध करेंगे। आदिवासी नेता डॉक्टर प्रफुल वसावा ने कहा, उस दिन हम शोक मनाएंगे और 72 गांवों में किसी घर में खाना नहीं पकाया जाएगा। वह परियोजना हमारे विनाश के लिए है। आदिवासी शिकायत कर रहे हैं कि उनकी जमीनें ‘सरदार सरोवर नर्मदा परियोजना’, उसके नजदीक स्थित ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ तथा इसके साथ-साथ क्षेत्र में प्रस्तावित अन्य पर्यटन गतिविधियों के लिए ले ली गई हैं।

दरअसल ग्रामीणों का कहना है कि, सरकार ने पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए उनकी जमीनें ले ली है। सरकार सरदार सरोवर नर्मदा परियोजना और  ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के आस-पास के क्षेत्र को विकसित करना चाहती है। ग्रामीणों ने कहा, हमारा गुजरात के महान सपूत सरदार पटेल से कोई विरोध नहीं है, और उनका सम्मान होना चाहिए। हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार का विकास का विचार एकतरफा और आदिवासियों के खिलाफ है। ग्रामीणों स्पष्ट कर दिया है कि मूर्ति अनावरण के दिन किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलेगा। आदिवासी रिवाज के अनुसार, घर में किसी की मृत्यु होने पर शोक के तौर पर घर में खाना नहीं पकाया जाता है। 

 

Created On :   20 Oct 2018 10:19 AM GMT

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