PM मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस पहुंचे हार्दिक पटेल, कसा तंज
- कहा वाराणसी में कहीं भी विकास नहीं दिख रहा है
- चुनाव के लड़ने के सवाल पर नहीं की कोई पुष्टि
- हार्दिक बोले समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही सरकारें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल युवा दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। वे यहां वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने नहीं आए हैं, बल्कि युवाओं और किसानों से मिलने आए हैं। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना होगी तो वे मीडिया को सबसे पहले बताएंगे। वहीं वर्ष 2019 में समर्थन के सवाल पर कहा कि हम सत्ता के खिलाफ हैं और और हमेशा रहेंगे।
सबसे बड़ी समस्या
इस दौरान चुनाव के लड़ने के सवाल पर कोई पुष्टि नहीं की और ना ही खारिज किया। वाराणसी आने को लेकर हार्दिक ने कहा कि देश में बहुत सी समस्याएं है, बहुत से ऐसे कार्य हैं, जिन पर सरकारें ध्यान नहीं दे रही हैं। मैं उन समस्याओं का हल खोज रहा हूं और इसी के लिए शहर-शहर घूम रहा हूं। यहां हम लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं जानने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या किसान और युवाओं की है।
कहीं भी विकास नहीं
हार्दिक ने भले ही पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर भले ही कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन तंज जरुर कस दिया, उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि और लोगों को मां गंगा वाराणसी बुला सकती है तो तो मैं क्यों नहीं आ सकता? वहीं मीडिया से बात करते हुए कहा, वाराणसी में कहीं भी विकास नहीं दिख रहा है। देश की जनता में मोदीजी को लेकर रोष है। लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं इसलिए सत्ता के खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है।
गठबंधन
हाल ही में हुई एसपी-बीएसपी गठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती द्वारा दिए गए बयान पर हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया, उसे भूलकर बीजेपी ने साढ़े चार साल में क्या किया इसे देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एसपी और बीएसपी का गठबंधन लोकल मामला है। अगर यह गठबंधन प्रदेश की जनता के हित के लिए काम करेगा तो अच्छा रहेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह गरीब, किसान व युवाओं की समस्या जानने-समझने के लिए देश के हर हिस्से में जाएंगे। देश में उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या किसानों को फसलों का सही दाम न मिलना और बेरोजगारी है।
Created On :   13 Jan 2019 8:59 AM IST