हनीट्रैप मामला : इंदौर में मीडिया संस्थान के दफ्तर सहित कई जगह पुलिस की दबिश

Honeytrap case: Police arrest in many places including office of Media Institute in Indore
हनीट्रैप मामला : इंदौर में मीडिया संस्थान के दफ्तर सहित कई जगह पुलिस की दबिश
हनीट्रैप मामला : इंदौर में मीडिया संस्थान के दफ्तर सहित कई जगह पुलिस की दबिश

इंदौर, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में हनीट्रैप का मामला पुलिस की कार्रवाई के चलते एक बार फिर चर्चाओं में है। पुलिस ने एक मीडिया संस्थान के दफ्तर सहित कई स्थानों पर एक साथ दबिश दी। माना जा रहा है कि हनीट्रैप मामले में मीडिया संस्थान द्वारा लगातार खुलासे किए जाना पुलिस की दबिश की अहम वजह है। पुलिस की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

इंदौर का एक मीडिया संस्थान पिछले कुछ दिनों से हनीट्रैप मामले में लगातार खुलासे किए जा रहा था। इसके चलते कई अधिकारियों और नेताओं पर सीधी आंच आ रही थी। इसी बीच शनिवार की देर रात प्रशासनिक अमले और पुलिस बल ने एक साथ मीडिया हाउस और उससे जुड़े संस्थानों पर दबिश दी। मीडिया हाउस संचालक ने इस कार्रवाई का यह कहते हुए विरोध किया कि अगर जांच करनी है तो अपने दो-चार लोगों को अंदर जाने दीजिए, इसमें भारी पुलिस बल की क्या जरूरत है।

छापामार कार्रवाई को अंजाम देने गए दल के एसडीएम राकेश शर्मा ने मीडिया संस्थान के अमित सोनी से कहा कि वे तलाशी के लिए आए हैं, उन्हें रोका न जाए। इसके बाद दो वज्रवाहन और कई वाहनों से भारी पुलिस बल कनाडिया आवास पर पहुंचा और तलाशी शुरू कर दी। इसका परिजनों ने विरोध किया। छापामार कार्रवाई रविवार को दिन में भी जारी रही।

पिछले दिनों इंदौर के एक मीडिया हाउस ने हनीट्रैप से जुड़े कई मामलों का खुलासा किया था। इसमें कई अफसरों के नाम भी सामने आ रहे थे। शनिवार की देर रात मारे गए छापों को इसीसे जोड़कर देखा जा रहा है।

राज्य में अक्टूबर माह में हनीट्रैप मामले का खुलासा इंदौर की पुलिस ने किया था। यह मामला तब सामने आया, जब नगर निगम के इंजीनियर हर भजन सिंह से एक युवती ने तीन करोड़ मांगे और न देने पर बदनाम करने की धमकी दी। इंजीनियर ने इसकर शिकायत पुलिस में कर दी। छानबीन के बाद इस मामले में कुल पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया। ये सभी इन दिनों जेल में हैं।

मामले की जांच एसआईटी कर रही है। इस गिरोह की महिलाओं, नेताओं, अफसरों और व्यापारियों के गठजोड़ का खुलासा भी हो चुका है। ये महिलाएं अधिकारियों के तबादले से लेकर ठेके दिलाने तक का जिम्मा लेती थीं और काम का मुंहमांगा दाम वसूलती थीं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया हाउस पर पुलिस की छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, सरकार हनीट्रैप मामले को दबाना चाह रही है, क्योंकि इस मामले से सरकार के बहुत से मंत्री और अधिकारी जुड़े हुए है। कोई मीडिया ग्रुप इसका खुलासा करता है तो उसके खिलाफ बदले की कार्रवाई की जाती है। मैं तो उसका विरोध करता हूं।

उन्होंने कहा, अगर कोई गलत काम करता है और सरकार छापा मारती है तो हमें कोई आपत्ति नहीं। सिर्फ इसलिए छापा मारा जाए कि अखबार का मालिक अखबार के माध्यम से सरकार से जुड़े लोगों के चेहरे उजागर कर रहा है, इसलिए उस पर छापा मारकर प्रताड़ित किया जाए, यह ठीक नहीं है।

हनीट्रैप मामले में कई भाजपा नेताओं की संलिप्तता भी सामने आ चुकी है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में इस मामले की एक आरोपी महिला पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे एक नेता के साथ देखी गई थी।

Created On :   1 Dec 2019 2:00 PM GMT

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