उम्मीद है संसद में हमारी बात कही-सुनी जाएगी : शाहीन बाग की महिलाएं

Hopefully, we will be heard and heard in Parliament: women of Shaheen Bagh
उम्मीद है संसद में हमारी बात कही-सुनी जाएगी : शाहीन बाग की महिलाएं
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नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ धरने पर बैठीं महिलाओं ने शुक्रवार को सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया। महिलाओं ने कहा, आज से जनता की सबसे बड़ी पंचायत संसद का सत्र शुरू हो रहा है, हमें उम्मीद है कि जनता द्वारा चुनी गई इस संसद में हमारी आवाज उठाई और सुनी जाएगी।

कई महिलाएं और बच्चे इस मौके पर महात्मा गांधी का मास्क पहने हुए नजर आए। विरोध के लिए सत्याग्रह का तरीका इजाद करने वाले महात्मा गांधी को याद करते हुए शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने चेहरे पर राष्ट्रपिता का मास्क लगाकर दो मिनट का मौन भी रखा।

इसके जरिए उन्होंने अपने प्रदर्शन के अहिंसक होने का संदेश दिया।

गौरतलब है कि गुरुवार को देश और दुनिया में महात्मा गांधी को उनकी शहादत पर याद किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शाहीन बाग में भी प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बापू को याद करते हुए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया।

महात्मा गांधी के भजन गाने और उनका मास्क लगाकर विरोध करने का यह सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा।

यहां शाहीन बाग धरने पर बैठीं माहिरा ने कहा, महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के आंदोलन में सत्याग्रह के माध्यम से सत्ता के खिलाफ अपना विरोध अभिव्यक्त किया था। महात्मा गांधी ने अहिंसा पूर्वक विरोध करने का यह तरीका दुनिया को बताया। दुनिया भर में उनके अहिंसक तरीकों से जनता सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन करती है। इसी से प्रेरित होकर हम महिलाएं भी शाहीन बाग में धरने पर बैठी हैं।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून की मुखालफत कर रही ये महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग स्थित मुख्य सड़क पर एक महीने से अधिक समय से धरने पर बैठी हैं। इन महिलाओं का कहना है कि सीएए भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।

संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी शुक्रवार को शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने किया।

यहां मौजूद जामिया की छात्रा नाजिया अख्तर ने कहा, हम सीएए को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठी महिलाएं, कभी राष्ट्रगान गाकर और कभी संविधान की प्रस्तावना पढ़कर गांधीवादी तरीके से सरकार को देश की विविधतापूर्ण संस्कृति की याद दिलाने की कोशिश कर रही हैं और अपनी मांगें मानने की अपील कर रही हैं।

गौरतलब है कि सीएए कानून के तहत केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी, व ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के प्रावधान वाला नागरिकता संशोधन कानून लागू किया है।

लोकसभा व राज्यसभा द्वारा सीएए को पारित किए जाने के बाद से ही दिल्ली के जामिया वह शाहीन बाग इलाके में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस कानून का विरोध करने वाले लोग इसे असंवैधानिक और धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला बता रहे हैं।

Created On :   31 Jan 2020 6:30 PM IST

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