कोरोना से पस्त हुआ ड्रेगन, जानिए नई लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत, जांच में ही आ चुकी है 95 प्रतिशत तक की कमी, स्वास्थ्य अमले के हैं ये हाल

How ready is India to face the next wave of Corona, the government is worried about the increasing cases of Corona in China
कोरोना से पस्त हुआ ड्रेगन, जानिए नई लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत, जांच में ही आ चुकी है 95 प्रतिशत तक की कमी, स्वास्थ्य अमले के हैं ये हाल
कोरोना अलर्ट कोरोना से पस्त हुआ ड्रेगन, जानिए नई लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत, जांच में ही आ चुकी है 95 प्रतिशत तक की कमी, स्वास्थ्य अमले के हैं ये हाल
हाईलाइट
  • चीन जीडीपी का 7 फीसदी से ज्यादा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च करता है वहीं भारत केवल 2 फीसदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना ने चीन समेत पूरी दुनिया में एक बार फिर हाहाकार मचा दी है। इससे पहले तक भारत ने भी कोरोना का कहर झेला है। लेकिन वैक्सीन लगने के बाद और कोरोना के मामलों में गिरावट के बाद हम राहत की सांस ले रहे थे। संभवतः स्वास्थ्य महकमा भी इस मामले में सुस्त हो चुका हो। अब कोरोना एक बार फिर नए रूप में पलट कर आया है जो अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है। ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि भारत में फिर कोरोना की लहर आती है तो उससे निपटने के लिए हमारा सिस्टम कितना तैयार है।

भारत में क्या है कोरोना की वर्तमान स्थिति?

जहां एक ओर दुनिया भर के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर भारत में कमी दर्ज की गई है। ताजा आंकड़ों की बात करें तो बीते एक हफ्ते में दुनियाभर में कोरोना के 35 लाख मामले आए हैं वहीं भारत में यह आंकड़ा केवल 11 सौ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी कुल 3408 सक्रिय मामले हैं। 

हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ देश में कोरोना के मामलों में आई इतनी गिरावट की वजह टेस्टिंग में कमी को मान रहे हैं। आईसीएमआर के अनुसार, 20 दिसंबर को देश में कुल 1।15 लाख टेस्ट ही हुए हैं। इसके मुकाबले जब कोरोना की दूसरी और तीसरी आई थी तब उस दौरान एक दिन में 20 लाख से ज्यादा टेस्ट होते थे। अगर हम कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के पीक समय से आज की तुलना करें तो टेस्टिंग में 95 फीसदी की कमी आई है। 

कोरोना की अगली लहर के लिए कितना तैयार भारत?

चीन में वर्तमान में वैसे ही हालात हैं जैसे दूसरी लहर के दौरान भारत में थे। वहां भी भारत में आई दूसरी लहर की तरह ही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है। लोग इलाज के लिए भटक रहे हैं। मेडिकल स्टोर्स में जरूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन में भारत के मुकाबले ज्यादा मजबूत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर है, उसके बाद वहां यह स्थिति है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, चीन में हर 10 हजार की आबादी पर 22 डॉक्टर हैं जबकि भारत में इतनी आबादी पर इसके आधे डॉक्टर भी नहीं हैं। वहीं दोनों स्वास्थ्य बजट की बात करें तो चीन अपनी जीडीपी का 7 फीसदी से ज्यादा हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च करता है वहीं भारत केवल 2 फीसदी। 

ऐसी स्थिति में अगर भारत में कोरोना की अगली लहर आती है तो उससे निपटने के लिए भारत की तैयारी क्या है? सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल जून तक देश में 13 के करीब एलोपैथिक और 5।64 लाख एलोपैथिक डॉक्टर हैं। जिसके मुताबिक देश के हर 834 लोगों पर 1 डॉक्टर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार यह आंकड़ा काफी अच्छा है क्योंकि संगठन के मुताबिक 1 हजार लोगों की आबादी पर 1 डॉक्टर होना चाहिए। साल 2021 में सरकार की तरफ से संसद में सरकारी हेल्थवर्करों का आंकड़ा पेश किया गया था। जिसके मुताबिक डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ मिलाकर देश में करीब 1 करोड़ हेल्थ वर्कर्स थे।  

चीन में कोरोना की स्थिति

चीन के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने के लिए बेड कम पड़ गए हैं। लोग इलाज के लिए डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। यहां तक की मेडिकल स्टोर्स में जरूरी दवाएं भी खत्म होती जा रही हैं। एजेंसी की खबर के मुताबिक, बीजिंग और शंघाई शहरों के बड़े श्मशानों में अंतिम संस्कार के लिए पिछले 24 घंटों के दौरान शवों को लाना लगातार जारी है। 

चीन के अलावा कोरोना का संक्रमण अमेरिका, जापान, ब्राजील और साउथ कोरिया जैसे देशों में भी बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि आने वाले तीन महीनों में चीन की लगभग 60 और दुनिया की 10 फीसदी कोरोना संक्रमित हो जाएगी। इस दौरान लाखों लोग अपनी जान भी गंवा सकते हैं। 

चीन में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच भारत में भी कोरोना की नई लहर आने का खतरा बढ़ गया है। जिसको लेकर भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है सभी संक्रमित मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराये जिससे वैरिएंट को ट्रेक किया जा सके। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी आज स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अभी कोरोना गया नहीं है। हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। 


 

Created On :   21 Dec 2022 10:46 AM GMT

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