जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर सैकड़ों छात्रों ने किया प्रदर्शन

Hundreds of students demonstrated at the Gateway of India against JNU violence
जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर सैकड़ों छात्रों ने किया प्रदर्शन
जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर सैकड़ों छात्रों ने किया प्रदर्शन
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  • जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर सैकड़ों छात्रों ने किया प्रदर्शन

मुंबई, 6 जनवरी (आईएएनएस)। नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को नकाबपोशों द्वारा छात्रों पर हमला करने की घटना की निंदा करने के लिए सोमवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े सैकड़ों छात्रों, एनजीओ और प्रमुख हस्तियों ने यहां गेटवे ऑफ इंडिया पर विरोध प्रदर्शन किया।

जेएनयू छात्रों और प्रोफेसरों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए छात्र भारतीय तिरंगा, बैनर और पोस्टर अपने साथ लिए हुए थे। इस दौरान उन्होंने नकाबपोश हमलावरों द्वारा की गई हिंसा की कड़ी निंदा की।

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग सरकार को घेरते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, जेएनयू हिंसा अमित शाह प्रायोजित आतंकवाद है। देश इस बर्बर कृत्य की निंदा करता है। यह देखकर अच्छा लगा कि मोदी और शाह केवल एक ही चीज से डरते हैं, वह है जेएनयू के मेधावी छात्र।

इसके अलावा पुणे के एफटीआईआई परिसर में और पवई स्थित आईआईटी बम्बई परिसर के पास भी विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें छात्रों ने जेएनयू में छात्रों और प्रोफेसरों के खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारे लगाए।

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन के कई नेताओं ने जेएनयू छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ हिंसा की निंदा की और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने इसे सुनियोजित हमला करार देते हुए कहा कि छात्रों और प्रोफेसरों पर कायरतापूर्ण हमला किया गया है।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने जेएनयू हिंसा को एबीवीपी के गुंडों द्वारा किया गया कृत्य करार देते हुए इसकी निंदा की।

वहीं शिवसेना नेता और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करते हुए छात्रों के साथ हुई हिंसा और बर्बरता चिंताजनक है।

इसके अलावा सोमवार दोपहर को राज्य के विभिन्न हिस्सों में और भी अधिक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई, जिसमें मुंबई विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय और वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

Created On :   6 Jan 2020 10:00 AM GMT

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