Narayanan-ISRO Spy Case: केंद्र ने तत्काल सुनवाई की मांग की, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते का समय दिया

In Nambi Narayanan-ISRO Spy Case, Centre Asks SC To Act On Panel Report
Narayanan-ISRO Spy Case: केंद्र ने तत्काल सुनवाई की मांग की, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते का समय दिया
Narayanan-ISRO Spy Case: केंद्र ने तत्काल सुनवाई की मांग की, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते का समय दिया
हाईलाइट
  • केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया
  • कोर्ट अगले सप्ताह इस मामले को सुनने के लिए सहमत हो गई
  • पूर्व जस्टिस डी.के.जैन की अध्यक्षता वाले पैनल की सील रिपोर्ट को तत्काल खोले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह टॉप कोर्ट के पूर्व जस्टिस डी.के.जैन की अध्यक्षता वाले पैनल की सील रिपोर्ट को तत्काल खोले। कोर्ट ने यह पैनल 1994 के जासूसी मामले में इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन की गलत गिरफ्तारी में केरल पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए सितंबर 2018 में  गठित किया था।

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे लेकर उचित आदेश देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का है। इस पर चीफ जस्टिस एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मामला महत्वपूर्ण है, लेकिन इस पर तुरंत सुनवाई करना जरूरी नहीं है। बाद में कोर्ट अगले सप्ताह इस मामले को सुनने के लिए सहमत हो गई है।

बता दें कि 79 वर्षीय नारायणन केरल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जिन्होंने उन पर 1994 में पाकिस्तान का जासूस होने का आरोप लगाया था और उन्हें गिरप्तार कर लिया था। हालांकि बाद में सीबीआई जांच में केरल पुलिस के उन पर लगाए गए जासूसी के आरोप गलत पाए गए। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पैनल की नियुक्ति करने के अलावा केरल सरकार को नारायणन को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये देने का आदेश भी दिया था।

सीबीआई ने पाया था कि नारायणन की गैर-कानूनी गिरफ्तारी के लिए केरल में तत्कालीन शीर्ष पुलिस अधिकारी जिम्मेदार थे। इसके बाद पैनल ने उन परिस्थितियों की जांच की, जिनमें नारायणन की गिरफ्तारी की गई थी। उन पर आरोप लगाया गया था कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को विदेशों के साथ साझा किया है।

नारायणन ने कहा था कि केरल पुलिस ने इस मामले को गढ़ा और जिस तकनीक का इस्तेमाल करके चोरी करने का आरोप लगाया गया था, उस समय वह तकनीक मौजूद ही नहीं थी।

Created On :   5 April 2021 10:10 AM GMT

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